अर्चना कुमारी। नूंह में गुरुवार देर शाम कुआं पूजन करने के दौरान दलित महिलाओं पर कुछ मुस्लिम शरारती तत्वों द्वारा पथराव किया गया। पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन कोई आरोपी नहीं पकड़ा गया। मामला दो समुदायों में होने के कारण तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने मामले को शांत करने की कोशिश की।
लेकिन पथराव की घटना के विरोध में शुक्रवार को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। क्योंकि आरोपी अब तक नहीं पकड़े गए। जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लोगों को शांत कराया। लोगो का गुस्सा था की पुलिस कोई करवाई नहीं कर रही और अपराधी खुले घूम रहे है। लोगो को कहना था पत्थर मस्जिद से फेंके गए थे। पुलिस ने बताया कि हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच चल रही है।लेकिन स्थानीय यहां के लोगों ने घटना की जांच की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया ।
नूह पुलिस का कहना है ,लोग शांति को लेकर सहमत हो गए हैं। मैं आम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। ज्ञात हो गुरुवार को पीड़ित परिवार व शहर के कुछ लोगों द्वारा इस घटना का पुरजोर विरोध किया गया था। शुक्रवार को कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया। इसी दौरान बड़े मदरसे के मुफ्ती जाहिद भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया।
मामला बढ़ता देख खुद पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारनिया घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस ने वहां जमा भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस कप्तान ने साफ कहा कि इस मामले में जो भी दोषी है, उसको किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।पुलिस सूत्रों ने बताया वार्ड नंबर 10 के निवासी दयाराम के बेटे दीपू को पुत्र प्राप्ति हुई थी।
हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक घर व आसपास की कुछ महिलाएं कैलाश मंदिर पर कुआं पूजन के लिए जा रही थीं। जाते समय उन पर किसी ने पत्थर फेंक दिए। इसे अनदेखा करते हुए महिलाएं कुआं पूजन करने चली गईं। आरोप है कि आते वक्त शहर के बड़े मदरसे से उन पर फिर कुछ शरारती तत्वों ने पत्थर फेंके। इसमें कई महिलाओं को चोट आई।
मामला दो समुदायों का होने के कारण सूचना आग की तरह फैल गई। थोड़ी देर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कुछ लोगों ने मौके पर आकर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने भी तुरंत मोर्चा संभाला। तब मस्जिद के इमाम ने बच्चो द्वारा पथराव की बात बताया गया लेकिन कोई पकड़ा नहीं गया।