अर्चना कुमारी। 15 जून को उत्तरकाशी के पुरोला में लव जिहाद को लेकर हिंदू पंचायत का आयोजन होना है लेकिन इसकी अनुमति अब तक प्रशासन से नहीं दी गई है। यह स्थिति तब है जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के अधीन उत्तराखंड में भाजपा सरकार है। इस बीच सर्वोच्च अदालत ने इस महापंचायत को लेकर डाली गई याचिका को रद्द कर दिया है क्योंकि कोर्ट का कहना है कि इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाना चाहिए था ।
गौरतलब है कि लव जिहाद के बढ़ते मामले को लेकर एक हिंदू महापंचायत का आयोजन उत्तरकाशी में किया गया लेकिन इस पंचायत को लेकर अब ग्रहण लग गया लगता है क्योंकि इसकी अधिकारिक तौर पर अनुमति नहीं दी गई है। उत्तराखंड पुलिस प्रशासन के सर्वे सर्वा अशोक कुमार का कहना है कि पुरोला में धारा 144 लागू कर दिया गया है जबकि यहां पर किसी को भी शांति भंग करने की अनुमति नहीं मिल पाएगी। दरअसल पुलिस प्रशासन को ऐसा लगता है कि इस तरह के कार्यक्रम के अनुमति दिए जाने के बाद हिंदू और मुस्लिमों में टकराव बढ़ेगा।
क्योंकि हिंदू महापंचायत के बाद मुस्लिमों ने भी महापंचायत का ऐलान कर दिया है जिससे पुलिस प्रशासन में बेचैनी बढ़ गई लगती है। यही वजह माना गया है हिंदू महापंचायत को अनुमति नहीं दी गई जबकि मुस्लिम महापंचायत के लिए अनुमति मांगा था उसे भी रद्द कर दिया गया है। बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से लव जिहाद के मामले तो देशभर में सामने आ रहे लेकिन उत्तराखंड में यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है और आए दिन हिंदू लड़कियों को मुस्लिम में कन्वर्ट किया जा रहा है जिससे यहां के रहने वाले हिंदू लोग परेशान हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, “पुलिस यह सब नहीं होने देगी और न ही किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने दिया जाएगा। बताया जाता है कि यहां पर यदि कोई महापंचायत का आयोजन भी किया गया तो उससे सख्ती से निपटा जा सकेगा क्योंकि बताया जाता है कि ज़िला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सजग और सतर्क है और कहा जाता है कि राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक कदम हैं, उन्हें उठाए जा रहे हैं
डीजीपी ने कहा, “किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जो भी कानून का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी” वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की सख्त जरूरत है। उनका कहना था कि, “हमने लोगों से कहा है कि आप शांति व्यवस्था बनाए रखे, कोई भी कानून को अपने हाथों में ना ले, अभी तक जितनी भी घटनाएं हुई हैं, प्रशासन ने उसपर सही तरह से काम किया है।
उनके अनुसार अभी तक मारपीट या लूटपाट जैसी कोई घटना नहीं हुई है, अगर कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कानून काम करेगा। गौरतलब है कि 15 जून को होने वाली हिंदू महापंचायत को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं और इसके विरोध में 18 जून को मुस्लिमों ने महापंचायत का ऐलान किया है। गौरतलब है कि 26 मई को हुई घटना के बाद सूत्रों की मानें तो मुसलमानों की दुकानों पर पोस्टर लगा दिए गए थे, पोस्टर में मुस्लिम समाज के लोगों को शहर छोड़कर जाने की चेतावनी दी गई ।
बताया जाता है कि मुस्लिम दो व्यक्तियों द्वारा एक हिंदू लड़की को कथित रूप से अगवा करने की कोशिश के बाद से पुरोला और उत्तरकाशी जिले के कुछ अन्य शहरों में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है और इस बीच सर्वोच्च अदालत का कहना है उत्तराखंड के उत्तर काशी में लव जिहाद के विराेध में 15 जून को बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ दायर याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया किया ।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद बताया जाता है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अगर इसपर कोई करवाई नही कर रही है तो हाइकोर्ट जाइये। ज्ञात हो की 15 जून को लव जिहाद के खिलाफ उत्तरकाशी में बुलाई गई एक बड़ी महापंचायत पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दाखिल की गई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सीजेआई को पत्र याचिका भेजा था