बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी बलोच सोमवार को डासना स्थित शिवशक्ति धाम पहुंची। महंत यति नरसिंहानंद ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। शिवशक्ति धाम डासना में सभी सन्तो और पुजारियों ने श्रीमती नायला कादरी बलोच का धूमधाम से स्वागत किया। उन्होंने विधिवत जगदंबा महाकाली की पूजा अर्चना की। बाद में सनातन धर्म के सामने चुनौती विषय पर अपनी राय व्यक्त की।
श्रीमती नायला कादरी बलोच ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज को मानवता की सबसे विकट लड़ाई लड़ने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया और उनसे अपनी लड़ाई में बलोचिस्तान को भी सम्मिलित करने का निवेदन किया।
श्रीमती नायला कादरी बलोच ने कहा कि दुनियाभर में सनातन धर्म को मानवता के लिए जाना जाता है। आज मानवता को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है। इस लड़ाई में यति नरसिंहानंद गिरी की अहम भूमिका है। इस लड़ाई में बलोचिस्तान को भी शामिल करना होगा। बलोचिस्तान में लोगों के मानवाधिकार का कोई अर्थ नहीं है।
बंदूक के बल पर लोगों का उत्पीड़न और शोषण जारी है। उन्होंने कहा कि जो लड़ाई जिहाद के नाम पर शुरू की गई थी, वो लड़ाई अब सबको खाने लग गयी है। जिन हाथो ने एक हजार साल तक भारत को लूटा,वो ही हाथ आज हमें मार रहा है।अगर इस हाथ को नहीं मिटाया गया तो यह हाथ फिर भारत को बर्बाद कर देगा।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने उन्हें अपनी बहन बताते हुए कहा कि उनकी लड़ाई में वो पूरी तरह से उनके साथ है।उनकी बात बिल्कुल सही है कि जो आज बलोचो के साथ हो रहा है,वो कल सारी दुनिया मे होगा।
बलोचिस्तान निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री का स्वागत करने वालो में यति कृष्णानंद, यति असीमानंद जी,विनोद सर्वोदय,डॉ उदिता त्यागी, अनिल यादव,सरदार रविरंजन सिंह,अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के अध्यक्ष नीरज त्यागी, अक्षय त्यागी,मुकेश त्यागी,संजय त्यागी,बृजमोहन सिंह,मोहित बजरंगी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।