जो ‘पत्रकार गैंग’ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फेक न्यूज के खिलाफ शिकंजा कसने को लेकर तिलमिला उठा था फेक न्यूज को लेकर उसकी करतूत एक बार फिर सामने आई है। इस बार ‘पत्रकार गैंग’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत को लेकर फेक न्यूज का प्रचार किया है। यह फेक न्यूज पिछले शुक्रवार से प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि आरएसएस सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भारतीय जनता पार्टी के दलितों तक पहुंचने के अभियान की आलोचना की है। इसके साथ ही कहा गया है कि भागवत ने भाजपा से दलितों के घर भोजन करने का नाटक बंद करने को कहा है। उक्त फेक न्यूज में दिल्ली में भागवत की हुई बैठक के दौरान इस संदर्भ में बयान देने की बात कही गई है। वहीं आरएसएस ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने इसे फेक न्यूज बताया है और इसे आरएसएस और उसके प्रमुख को बदनाम करने वाला बताया है।
डॉ. मोहन भागवत को लेकर मीडिया में प्रसारित और प्रचारित इस फेक न्यूज के संदर्भ में एक बयान जारी कर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा है कि हाल में दिल्ली में डॉ. भागवत की हुई बैठक के संदर्भ में जो खबर प्रचारित और प्रसारित की जा रही है वह बिल्कुल ही आधारहीन है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों दिल्ली में इस प्रकार की बैठक हुई ही नहीं हैं। जिसको लेकर कहा जा रहा है कि आरएसएस ने भाजपा के ग्राम स्वराज अभियान को लेकर कोई बयान दिया है। वैसे भी जब से आरएसएस अस्तित्व में आया है तब से वह सामाजिक समरसता का पक्षधर रहा है।
अरुण कुमार ने अपने बयान में कहा है कि जहां तक सामाजिक समरसता की है तो उस पर आरएसएस का पक्ष का आज से ही नहीं बल्कि उसके अस्तित्व में आने के समय से ही सर्वविदित है। हमलोगों ने कभी भी जाति आधारित भेदभाव को स्वीकार नहीं किया है। आरएसएस हमेशा से ही सभी के लिए एक मंदिर एक कुआं और एक श्मशान का पक्षधर रहा है। आरएसएस शुरू से ही समरस समाज निर्माण की दिशा में काम किया है जहां हर कोई बिना किसी जातीय भेदभाव के सौहार्द के साथ रहे।
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