अर्चना कुमारी। विहिप की तमिलनाडु इकाई के पूर्व अध्यक्ष आर. बी. वी. एस. मणियन को भीमराव आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के लिए बृहस्पतिवार तड़के उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। आंबेडकर पर उनकी टिप्पणी के लिए बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात करीब साढे तीन बजे मांबलम पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि मणियन पर एससी-एसटी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें शहर की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 27 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बाद में उन्हें यहां पुज्हल स्थित केंद्रीय कारागार ले जाया गया।
मणियन ने 11 सितंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय संविधान किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया बल्कि इसे राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में करीब 300 सदस्यों ने तैयार कर अंतिम रूप दिया था। उन्होंने कहा था, ‘कुछ उन्मादी लोग कहते हैं कि आंबेडकर ने हमें संविधान दिया। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी अक्ल गिरवी रख दी है।
सभी पार्टियों ने अपनी अक्ल गिरवी रख दी है..अगर वे कहेंगे कि आंबेडकर उनकी जाति के नहीं हैं तो लोग उन्हें वोट देना बंद कर देंगे।’’लेखक मणियन ने पूछा कि क्या आंबेडकर थिरुमावलवन जाति के थे? उन्होंने विदुथलाई चिरुथिगल काची प्रमुख से जानना चाहा, ‘‘क्या वह थिरुमावलवन जाति से हैं? मुझे बताइए..थिरुमावलवन एक पेरियार हैं।
आंबेडकर एक चक्किलियार हैं। आंबेडकर आपकी जाति से कैसे हो सकते हैं?’’ उन्होंने दावा किया कि संविधान का मसौदा तैयार करने का श्रेय राजेन्द्र प्रसाद को दिया जाना चाहिए न कि आंबेडकर को। आंबेडकर केवल मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। इसी विचार व्यक्त करने पर उन्हें पकड़ा गया