संदीप देव। तीर्थक्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र बनाने के नाम पर काशी से उज्जैन तक करोड़ों का घोटाला सामने आने लगा है। काशी में कछुआ सेंचुरी को मिटाकर करीब 12 करोड़ का फर्जी कैनाल बनाया, जो गंगा में बह गया फिर उस घोटाले को छुपाने के लिए गंगा के उस पार जो टैंट सिटी बसाया गया था, NGT ने उसे अवैध करार दिया है, जिसके बाद इसी बुधवार को सारे टैंट उखाड़ लिए गये हैं।(Pic-1)

उधर महाकाल कॉरिडोर का बजट 750 करोड़ से बढ़कर 1100 करोड़ के पार चला गया है। भ्रष्टाचार की यह स्थिति है कि महाकाल लोक में पत्थर की जगह फाईबर की मूर्तियां लगाई गई, जो हवा में उड़ रही हैं (Pic2)।

28 मई को महाकाल लोक में लगी सप्तऋषी की मूर्तियां जहां उड़ गई, वहीं अन्य 11 मूर्तियों में दरारें आ चुकी हैं।(pic-3)।

कल तो बिना हवा के ही महाकाल लोक के नंदी द्वार का कलश टूट कर गिर पड़ा (Pic-4) ।

‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ की ‘डबल इंजन सरकार’ 2G, दामाद जी आदि घोटाले में कांग्रेस को बचाकर पहले ही कांग्रेस से ‘भाईचारा’ निभा चुकी है, अब मंदिरों को लूटने और कॉरिडोर के नाम पर किए गये इनके भ्रष्टाचार का खेल सामने आने लगा है, और यह कोई मीडिया नहीं, बल्कि प्रकृति स्वयं इन्हें एक्सपोज करने आ गई है!
बहुसंख्यक समाज के विरुद्ध अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में कांग्रेस से ‘यारी’ निभाने के बाद अब भाजपा भ्रष्टाचार में भी कांग्रेस का ‘भाई’ बन चुकी है!
काशी से उज्जैन तक सारे साक्ष्य के साथ ‘डबल इंजन’ सरकार के भ्रष्टाचार पर यह रहा मेरा वीडियो लिंक:-