आईएसडी नेटवर्क। फिल्मों की पायरेसी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सिनेमेटोग्राफ एक्ट 2023 लाने का निर्णय लिया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ये जानकारी देते हुए कहा कि आगामी संसद सत्र में सिनेमेटोग्राफी बिल 2023 लाया जाएगा। पायरेसी पर रोक लगाने के लिए एक कड़े कानून की मांग लंबे समय से फिल्म उद्योग की ओर से की जा रही थी।
बुधवार को सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। ठाकुर ने बताया कि सन 2019 में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया गया था। विधेयक संसद की स्थायी समिति को भेजा गया था और समिति ने इस पर अपने सुझाव भी दिए थे। ठाकुर ने कहा कि संसद के अगले सत्र में सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 को पेश किया जायेगा।
ठाकुर ने कहा कि इस बारे में सभी पक्षकारों के साथ चर्चा की गई और दुनिया में चल रही ‘बेस्ट प्रेक्टिस’ को शामिल किया गया। मंत्री ने कहा कि फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी से नुकसान नहीं हो, इसलिये यह विधेयक तैयार किया गया है। इससे पूरे फिल्म जगत को लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि अब तक सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 के अनुसार कार्य चल रहा था। अब संशोधन के बाद नया एक्ट लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘फिल्म जगत एक ऐसा सेक्टर है, जो भारत को दुनियाभर में पहचान दिलाता है।
पायरेसी से फिल्म उद्योग को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। फिल्म जगत को होने वाले नुकसान को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। ‘उन्होंने कहा कि ‘अच्छा कंटेंट क्रिएट करने के लिए बड़ी मेहनत लगती है। किसी फिल्म को बनाने में बहुत सारे कलाकार मेहनत करते हैं। ये मेहनत बेकार न जाए, इसके लिए पायरेसी के खिलाफ सख्त कानून की जरूरत थी।’ जानकारी के अनुसार नए सिनेमेटोग्राफ एक्ट में पायरेसी को लेकर सख्त प्रावधान किये गए हैं। पायरेसी करने पर अब तीन साल की कैद और दस लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।