अजय शर्मा, वाराणसी। सनातन परंपरा से प्राण-प्रतिष्ठित देवी देवताओं की सेवा-समर्चना में शास्त्र विरुद्ध कृत्य से गर्भग्रह में एक प्रस्फुटन होता है। सनातन धर्म के विरुद्ध कार्य करने वाले सरकारी हिंदुओं जानो इस वर्ष का भैरव भवानी संवाद और स्मरण रहे भोगना समस्त संसार को है तथाकथित नेताओं को नही इसके लिए रहो तैयार
भैरव प्रश्न?
भैरव पूछे मात से जिमि पूछा हर साल अठंतर की साल का कहो शुभाशुभ हाल ।
भवानी उत्तर
सुन हो भैरव लाडला में समझाव तोय । राजा मंत्री देखतां घरणां उपद्रव होय । ताप तिजारा नहरुवा जग में होय अपार । अग्नि चौर भय रोग से पीड़ित हो संसार । आषाढां वर्षा लगे श्रावण मध्यम जाण । भादों रविकूज योग से होसी खैचा ताण । परण भैरव भय मतकरे फलपति है द्विजराज । धान्याधिप के योग से होय सिद्ध सब काज ।।
समाज और जीवन की सुंदरता, राष्ट्र को सही दिशा और पूरी मानवता के लिए जो चिंतन देगा वो तो शास्त्र ही देगा, शास्त्रों को जानने वाले धर्मगुरु, विद्वान देंगे। सत्तालोभी धर्मद्वेषि शास्त्रद्वेषि सरकारी हिन्दू धर्मगुरुओं विद्वानो एवं नेताओं जिन्हें धनलोलुपता का आवेश घेर रखा ऐसे सरकारी हिन्दुओं और नेताओं के ज्ञान से सावधान।