अर्चना कुमारी। देश में मुसलमान दबाव की राजनीति के तहत हिंदुओ को अपने आगे घुटने टेकने को मजबूर करते रहते है। गजवा ए हिंद के लिए वो कोई भी कीमत चुकाने को तेयार है। श्रीराम के नाम पर सत्ता में बैठे लोगों को सिर्फ इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। गुजरात मे बीजेपी की लंबे अरसे से सरकार है और यहां क्या जय श्रीराम कहने पर प्रतिबंध है।
ऐसा नहीं तो कर्णावती-रिवरफ्रंट से जब बजरंग_दल की शौर्य यात्रा का समापन होकर हिंदू करके अपने घर लौट रहे थे तो मुस्लिमों ने क्यों उनकी बस को रोक दिया। मुस्लिम बहुल इलाके में कट्टरपंथियों ने क्या गोधरा काण्ड करने का सोचा था। पुलिस के आने से इनके इरादों पर पानी फिर गया और एक बड़ा हादसा होने से रह गया। लेकिन देश के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को जवाब देना होगा क्योंकि दोनों इसी राज्य से आते है।
वायरल हो रहे वीडियो में इस्लामी कट्टरपंथी भीड़ बनकर हिंदुओ को रोक लिया और उन्हें भला बुरा कहा। इस दौरान कई कट्टरपंथी मुस्लिम हिंदू कार्यकर्ताओं से भरी एक बस को बीच सड़क पर घेरकर धमकाते नजर आ रहे हैं और पुलिस असहाय नजर आती है। दरअसल, बजरंग दल ने 8 अक्टूबर, 2023 को अहमदाबाद के रिवरफ्रंट पर ‘शौर्य यात्रा’ का आयोजन किया था। बताया जाता है ,यात्रा समाप्त होने के बाद हिंदू कार्यकर्ता अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान यह घटना सामने आई।
यह वीडियो जमालपुर का बताया जा रहा था। लेकिन कोई इसे मुस्लिम बहुल दाणीलीमडा के चंडोला इलाके का बताया है। यात्रा से वापसी में हिंदू यात्री बस में बैठकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए रामधुन गा रहे थे। लेकिन इस दौरान बस जैसे ही मुस्लिम इलाके में पहुंची , वहाँ मौजूद मुस्लिम भीड़ ने बस को रोक लिया। इसके बाद उन कट्टरपंथियों ने हिंदुओं से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया।
वीडियो में मुस्लिमों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “तुम हमारे क्षेत्र में ‘जय श्री राम’ के नारे क्यों लगा रहे हो? अगर नारे लगाना चाहते हो तो अपने क्षेत्र में जाओ वहाँ लगाओ।उस दौरान एक अन्य मुस्लिम धमकी भरे लहजे में हिंदुओं से सवाल करता नजर आ रहा है। वह कहता है, अगर हम तुमलोगों के इलाके में नारा-ए-तकबीर और ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाएँ तो क्या होगा?” इस वीडियो में पुलिसकर्मी भी खड़े दिखाई दे रहे हैं।
लेकिन, इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ के आगे वे भी बेबस नजर आते है। अब इस मामले मे किसी के खिलाफ कोई करवाई हुई यह तो पता नहीं लेकिन ‘विश्व हिंदू परिषद’ प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने कहां से बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। क्या अब गुजरात में हिंदुओं के ‘जय श्री राम’ बोलने पर प्रतिबंध है? मुस्लिम भीड़ का हिंदू तीर्थयात्रियों की बस रोकने के पीछे आखिर क्या मकसद था।
ज्ञात हो साल 2002 में हिंदू कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की कोच में आगे लगाने की घटना हुई थी,जिसमे कार सेवक अयोध्या से लौटे थे और उन्हें जिंदा जला दिया गया था। हितेंद्र राजपूत ने कहा है हिंदू तीर्थयात्री अपने घर लौट रहे थे। इसको रोकने का क्या मतलब था। इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है ताकि एक और गोधरा कांड किया जाय।
इसकी जांच होनी चाहिए। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी और गुजरात पुलिस के डीजीपी से मामले की गहराई से जाँच करने का अनुरोध उन्होने किया । उन्होंने वायरल वीडियो के आधार पर इसमें दिख रहे इस्लामी कट्टरपंथियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है। बताया जाता है। इस मामले में अब तक किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। इस वजह से करवाई पुलिस को खुद संज्ञान लेकर करनी चाहिए।