अर्चना कुमारी। कर्नाटक के मिशनरी स्कूल में हिंदू बच्चो को गोमांस खिलाया जा रहा था। दावणगिरे स्थित ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित डॉन बॉस्को स्कूल में कई अन्य अनियमितताएँ का खुलासा ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने किया है।
बच्चों के आश्रय गृह ओपन सेंटर में भी जांच टीम पहुँची। संस्था के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस दौरान मिले एक पर्चे की तस्वीर शेयर की है। इस पर्चे में आइटम के नाम, तारीख़ और उनकी कीमत लिखी हुई हैं।
इसमें जिन चीजों के नाम लिखे हैं, उनमें बीफ भी शामिल है। प्रियंक कानूनगो ने बताया है किचन में निरीक्षण के दौरान संदिग्ध मांस मिला है। टीम की सदस्य एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या गुप्ता ने कचरे में से गोमांस का बिल ढूँढ कर निकाला।
होम में बड़ी संख्या हिंदू बच्चों की है, इसके बावजूद सभी बच्चों से ईसाई मजहब की शिक्षा दी जा रही है। हैरत की बात है यहां गोमांस पकाया और परोसा जा रहा है। आवश्यक कार्यवाही हेतु संस्था द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया है।
चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा था, कर्नाटक में डॉन बॉस्को मिशनरी के एक चिल्ड्रेन होम के निरीक्षण में राजस्थान के जोधपुर का एक बालक मिला जो कि घर से भटक कर यहाँ आ गया था और यहाँ कई महीनों से रह रहा था, इसको वापस जोधपुर भेजने का निर्देश दिया गया है।
उन्होने कहा नियमों के मुताबिक बच्चे को घर भेजा जाना चाहिए था। लेकिन बाल गृह ने इसका पालन नहीं किया। वीडियो में वह वहाँ काम करने वाली दो महिलाओं से पूछताछ करते नजर आ रहे हैं। वह महिलाओं से आश्रय गृह में मजहबी शिक्षा को लेकर सवाल कर रहे हैं।
मिशनरीज द्वारा बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध आश्रय गृहों में रखने की बार-बार आने वाली समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, धन के लालच में, कुछ बाल आश्रय गृह बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध रखते हैं और उन्हें उनके परिवारों से दूर रखते हैं। यह सब स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से किया जाता है। लेकिन राज्य सरकार आयोग के खुलासे पर चुप्पी साध रखी है,कोई करवाई नहीं की गई है।