राजीव शाही, सीतामढ़ी, बिहार। जिस समय गांधी था उसकी हर गलत – सही बातों को लोग मानते थे, गांधी की हर गलत फैसले को लोग यह मानकर चलते थे कि गांधी जी ने किया है तो फिर सोच – समझकर हीं किया होगा, कोई विरोध नहीं करते थे, जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत देश का अधूरा बटवारा हो गया, लाखों लोग मारे गए, लाखों अनाथ हुए।
लाखों विष्थापीत हुए, दुःख की कोई सीमा नहीं, यह हमारी गलती का – इतिहास है, लेकिन ठीक वहीं कहानी आज के समय में दोहराई जा रही है, तब कोंग्रेस के राज में मीडिया, अखबार, बुद्धिजीवी – वर्ग, सरकारी सिस्टम, सब कोंग्रेस का जाप – गुणगान करती थी, सरकार की सारी गलती को नजरंदाज करती थी, लोगों को गुमराह करके जनता को भ्रमित करती थी, जो सरकार गलत कर रही है वह पता लोगों को नहीं चलने देती थी, और लोग सच जानने से वंचित रहते थे, ठीक यहीं सब आज हो रहा है, धीरे – धीरे भारत हिंदुओं के हाथ से निकल रहा है, और आज पढ़े – लिखे लोग गांधी की तरह “एक व्यक्ति” को भगवान बना दिया है।
जो सही मायने में हिंदुओं का सबसे बड़ा विरोधी है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि लोग उसकी सच्चाई जानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टे अपने बने बनाए सामाजिक रिश्ते – नाते को तोड़ने से भी नहीं हिचकते, “दोस्तो” मेरे बारे में सब रिश्तेदार – दोस्त जानते हैं कि मैं उस नकली कालनेमी नेता का कितना बड़ा भगत था, मैं उस धूर्त – चालाक नेता के लिए दोस्तों रिश्तेदारों से लड़ जाया करता था, लेकीन आज अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा हूं, कि मैंने उस हिन्दू – द्रोही नेता का साथ देकर कितना बड़ा पाप किया है, और उसका प्राश्चचीत करने के लिए दिन – रात मेहनत कर रहा हूं।
लेकिन मेरे कितने दोस्त – रिश्तेदार उस नेता की सच्चाई जानने के लिए तैयार नहीं, लेकिन समय आएगा जब उन्हें मेरी बात याद आएगी, मगर तबतक बहुत देर हो चुकी होगी, जैसे आज का हिन्दू नेहरू – गांधी को देश बंटवारे का दोषी मानता है, एक समय ऐसा आएगा जब लोग हिन्दू समाज के विनाश का कारण महामानव – अवतारी पुरुष को मानेगा, मेरे इस पोस्ट को पढ़कर एक भी मेरे अपने सनातनी भाई, दोस्त – रिश्तेदार सच जानने की कोशिश किया या हमसे संपर्क किया तो यह मेरी कामयाबी होगी, आपका अपना पूर्व “बगुला जी का भगत”,