संदीप देव। श्रृंखला में मैं आपको बता रहा हूं कि जब मैं अखबार में रिपोर्टिंग करता था तो कोई भी मंत्रालय हो या मंत्री यदि तथ्य और दस्तावेज उसके विरुद्ध हैं तो फिर हमारी खबर बिना एडीटिंग छपती थी।
यह खबर यूपीए सरकार के दौरान शहरी विकास मंत्रालय और 5 Star होटल समूहों के बीच सांठगांठ को उजागर करने के लिए मैंने लिखी थी। इस सांठगांठ में सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा था। आज शायद ही आपको मीडिया में किसी मंत्रालय और कारपोरेट की सांठगांठ को एक्सपोज करती ऐसी खबरें मिलेंगी!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से #ElectoralBondsCase सामने आ गया यह अलग बात है, लेकिन रिपोर्टर खुद के प्रयास से ऐसे गठबंधन को उजागर करने के लिए शायद ही खोजी रिपोर्ट करता हुआ मिलता है। पत्रकारिता का स्तर कितना गिरा है, आपको तब समझ में आएगा जब आप दो काल खंड की मीडिया रिपोर्ट की तुलना करेंगे।
फिर बात करते हैं कि 2014 से पहले कोई बोल नहीं पाता था तो फिर सरकार के विरुद्ध मेरी ऐसी रिपोर्ट छपती कैसे थी? साक्ष्य सामने है। धन्यवाद। #SandeepDeo