विनीत नारायण। कई दिनों से मथुरा- वृंदावन में मुझे मेयर का प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चा गर्म है। मुझे काफ़ी फ़ोन आ रहे हैं। जब-जब लोकसभा या विधान सभा के चुनाव आते हैं मेरा नाम ऐसे ही चर्चा में रहता है। पर हर बार मैं यही कहता हूँ कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना ।कारण स्पष्ट है कि करोड़ों रुपया चुनाव में खर्च करके चुनाव जीतने वाले आपकी आज तक क्या सेवा करते आये हैं, जो मैं कर दूँगा ?
इसका मूल्यांकन आप स्वयं कर लीजिए।
ठेकों में कमीशन खोरी, दो करोड़ का काम दस करोड़ में करवाना, नाकारा परियोजनाओं में आपके टैक्स के पैसे को बर्बाद करना, फिर आप पर नये-नये कर लगाकर और बिजली के दाम बढ़ाकर घाटा पूरा करना, चुनाव के समय फ़ोटो के लिये गेहूं काटने का नाटक करना फिर किसानों को और ब्रजवासियों को पाँच वर्ष तक उनकी बदहाली पर छोड़ देना, सड़क निर्माण में मोटी चाँदी काटने के लिये शहर की सड़कों पर कंक्रीट की नयी-नयी परतें बिछाकर सड़कें ऊँची करते जाना और आप लोगों के मकान नीचे करते जाना ( जिनमें बरसात का पानी भरता है)
जबकि वीआईपी इलाक़ों में सड़के कभी ऐसे लगातार ऊँची नहीं की जातीं जैसे भ्रष्ट कामों को करने के लिये ही अगर चुनाव लड़ना होता है तो मुझे इसमें क़तई रुचि नहीं है। मैं तो ठोस काम करने में यक़ीन रखता हूँ।
संत कृपा, भगवत कृपा और आप सब ब्रजवासी बंधुओं के आशीर्वाद से पिछले बीस वर्षों से आपकी संस्था ‘द ब्रज फाउंडेशन’ ने ब्रज की धरोहरों को सजाने का जो काम (बिना सरकारी पैसे के) मात्र 28 करोड़ ₹ खर्च करके किया है, क्या योगी महाराज के कारिंदे वैसा एक भी काम ‘उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद’ के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नियंत्रण में 1000 करोड़ ₹ खर्च करके भी कर पाये हैं ?
आप ही बताएँ कि इन छह वर्षों में आपके टैक्स का अरबों ₹ खर्च होने के बाद क्या मथुरा वृंदावन का स्वरूप बिखरा है या बर्बाद हुआ है ? क्योंकि उन्हें यही सब करना था इसीलिए योगी सरकार ने ‘द ब्रज फाउंडेशन’ की ब्रज सेवाओं पर रोक लगवा दी। जिससे उनसे कोई सवाल न पूछ पाये कि लाखों के काम करोड़ों में क्यों हो रहे हैं ?
मुझे दुख है कि आप सबने मिलकर कभी इस अन्याय और संकर्षण कुंड व रुद्र कुंड ( गोवर्धन ) का जो विनाश सरकार ने किया है उसके विरुद्ध आवाज़ क्यों नहीं उठायी ? याद रखिए कि आपकी सभी समस्याओं का हल और क्षेत्र का सही विकास सही नीयत से होता है, रोज़ाना आयोजित होने वाले सरकारी प्रचारात्मक महँगे-महँगे उत्सवों और शिलान्यासों से नहीं ।
अब आप ही बताएँ कि इन हालातों में मेरे चुनाव लड़ने का क्या औचित्य है ?
आपकी विनम्र सेवा के लिये सदा समर्पित आपका ब्रजवासी भाई-
विनीत नारायण
भजन कुटीर
शीतल छाया
वृंदावन ( मथुरा)