कंगना रनौत का इस समय बोलना ऐसा ही है, जैसे जापान में सुप्त ज्वालामुखी माउंट फूजी जागकर अपने दहाने से लावा उगलने लगा हो। उनका तीख़ापन बढ़ता ही जा रहा है और उनके खुलासे कई लोगों की चैन की नींद खराब कर रहे हैं। अर्नब गोस्वामी के साथ उनका दुसरा साक्षात्कार तवे से ताज़ा उतरे परांठे जैसा गर्म था, इतना तीख़ा कि रिपब्लिक भारत को साक्षात्कार से पहले लिखना पड़ा कि ये कंगना रनौत के अपने विचार हैं और चैनल उनका किसी भी तरीके से समर्थन नहीं करता। दूसरे इंटरव्यू में कंगना के नग्न खुलासे फिल्म इंडस्ट्री की कनपटी पर छड़ी की तरह बरस रहे हैं। उनका भयानक अतीत वृतांत रोंगटे खड़े कर देता है। वह एक ऐसी लड़ाई में है, जिसमे एक ही जीवित रह सकता है। कंगना को एक दर्पण मानिये, जिसमे आप फिल्म उद्योग की भयावह सच्चाइयां क्रिस्टल एन्ड क्लियर देख सकते हैं।
मैं सोलह की थी, जब मनाली जैसी छोटी जगह से अपने बल पर मुंबई पहुंची थी। ये मेरे लिए बड़ा संघर्ष था। मुंबई में एक गर्ल्स हॉस्टल में रहने लगी। यहाँ घटी एक घटना ने मेरी ज़िंदगी में मनहूसियत घोल दी। एक कैरेक्टर आर्टिस्ट को एक दिन मैंने अपना नंबर दिया और यही से बुरा वक्त शुरू हो गया।
वह कैरेक्टर आर्टिस्ट जबरन मेरा सेल्फ अपाइंटेड मेंटोर बन गया। वह एक फ्लॉप कलाकार था। फिर एक दिन ऐसा आया जब उसने मुझे अपने घर में कैद कर दिया। मैं हॉउस अरेस्ट कर ली गई थी। मैं उस वक्त नाबालिग थी और ये आदमी ऐसा व्यवहार करने लगा जैसे ये मेरा पति हो। विरोध करने पर वह चप्पल उठाकर मारने दौड़ता था।
मैं उसके साथ पार्टीज में जाती थी। एक दिन मुझे अहसास हुआ कि मेरे ड्रिंक में कुछ मिलाया गया है। वह मुझे ऐसी डील्स में ले जाता, जहाँ दुबई से आए अधेड़ आते थे। मुझे उनके बीच बैठाया जाता। मुझे संदेह था कि कहीं मुझे दुबई ले जाकर बेचा तो नहीं जा रहा।
अनुराग बासु की गैंगस्टर में मुझे ब्रेक मिला तो मेरा मेंटोर चिढ गया। वह मुझे नशे के इंजेक्शन देने लगा, ताकि मैं शूटिंग पर नहीं जा सकूँ। मैंने बासु को शूटिंग के दौरान सच्चाई बताई तो उन्होंने मेरी मदद की। कई बार मैं बासु के ऑफिस में रुक जाती, ताकि उसका सामना न करना पड़े।
मैंने नया घर लिया लेकिन मेंटोर ने वहां भी मेरा पीछा नहीं छोड़ा। इस बीच मुझे दो फ़िल्में और मिल गई। वह इस बात से और चिढ़ गया। वह मुझे कहता तू परवीन बॉबी बनेगी। ये लोग तेरे साथ भी यही करेंगे। वह मुझे कमरे में बंद करता और हाई ड्रग्स देता था। एक रात मेरा सब्र टूट गया। नशे की हालत में मैं खिड़की से कूदकर पुलिस स्टेशन पहुंची और वहां उस आदमी के खिलाफ एफआईआर करवा दी।
सुपरहीरो से मेरा अफेयर शुरू हुआ तो मुझे बॉलीवुड के उस इनर सर्कल में जाने की इज़ाज़त मिली, जिसमे आउटसाइडर्स का आना मना है। फिर मुझे पता चला कि एलिट क्लास दरअसल एक गटर है। मैंने उस सर्कल में देखा कि ड्रग्स पानी की तरह बहाई जाती है।

बहुत से कलाकार नियमित रूप से इसका सेवन कर रहे हैं। ये रैकेट ऐसा है कि बाप ड्रग ले रहा है, घर में लड़कियां ला रहा है। यहाँ इशारों-इशारों में ड्रग्स का लेनदेन हो जाता है। इन पार्टीज में कई सितारों की पत्नियां भी शामिल होती है। इस कदर अश्लीलता होती है कि उसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
सुपरहीरो से ब्रेकअप होने के बाद उसने और उसकी पत्नी ने मुझे जेल भिजवाने की कोशिश की। ये सुपरहीरो एक बार ड्रग्स के ओवरडोज़ के कारण कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती हुआ था। इसके लंग्स में इंफेक्शन हो गया था।
फिल्म इंडस्ट्री में कई क्लब्स, रेस्टोरेंट, स्ट्रिपर्स इस रैकेट में शामिल हैं। इन लोगों के पुलिस में गहरे दोस्त हैं। ये ड्रगी कलाकार नेताओं की कैम्पेनिंग करते हैं, इसलिए बचे रहते हैं।
लोगों को मालूम होना चाहिए कि उन्होंने जिन कलाकारों को रोल मॉडल बनाया हुआ है, वे ड्रग एडिक्ट हैं। बॉलीवुड ने कभी नहीं छुपाया कि वह एंटी हिंदुत्व है। फिर भी आप इन्हें आदर्श मानते हैं।
इनको राष्ट्रवाद पसंद नहीं आता। इनमें से कोई भी पालघर में हुई लिंचिंग के विरोध में क्यों नहीं बोला। ये लोग एंटी सीएए कैम्पेन में मोमबत्ती लेकर घूमते हैं। इन्हें किसी का डर नहीं है।
बॉलीवुड हिंदुत्व का बहिष्कार करता है। बॉलीवुड ट्रिपल तलाक पर फिल्म क्यों नहीं बनाता। बॉलीवुड ड्रग इंडस्ट्री के कब्ज़े में है। मैं मनाली में हूँ। यदि मुंबई में होती तो मुझे कभी का मार दिया जाता। मुंबई में जैसे क्वारंटीन टेस्ट करवाना जरुरी हो गया है, शूटिंग से पहले कलाकारों का ब्लड टेस्ट अनिवार्य करवाना चाहिए। सबकी पोल खुल जाएगी। विकी कौशल, रणवीर के ब्लड टेस्ट करवाइये, सच सामने आ जाएगा।
कंगना रनौत ने अर्नब गोस्वामी से जो बातचीत की, उसके आधार पर ये लेख लिखा गया है।