आईएसडी नेटवर्क। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा है कि यदि ‘झकास’ बोलना है तो अभिनेता अनिल कपूर से पहले इजाज़त लेनी होगी। पूरा देश जानता है कि ‘झकास’ अनिल कपूर का सिग्नेचर डायलॉग है। बुधवार को एक सुनवाई के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने झकास, मिस्टर इंडिया, एके और मजनू भाई के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिए।
अभिनेता अनिल कपूर ने हाल ही में ‘पर्सनैलिटी राइट्स’ की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में निवेदन किया था कि बिना उनकी सहमति के उनका नाम, आवाज, इमेजेस और निक नेम का उपयोग करने पर रोक लगाई जाए। उल्लेखनीय है कि कई रियलिटी शोज और सीरियल्स व फिल्मों में अनिल कपूर के सिग्नेचर डायलॉग कई बार इस्तेमाल किये जाते हैं।
बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अनिल कपूर की सहमति के बिना उनके नाम, इमेज या आवाज के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि , ‘मशहूर हस्तियों का समर्थन का अधिकार वास्तव में आजीविका का एक प्रमुख स्रोत हो सकता है, जिसे अवैध व्यापार की अनुमति देकर नष्ट नहीं किया जा सकता है।’ सेलेब को एंडोर्स करने पर कई लोगों की आजीविका निर्भर करती है, इसे अवैध रूप से इस्तेमाल करने की अनुमति देकर खराब नहीं किया जा सकता।
न्यायालय ने इस तरह के वीडियोज वायरल करने पर भी रोक लगा दी है। इसके लिए दूरसंचार विभाग और केंद्र को इस मामले में वायरल सभी लिंक्स हटाने के निर्देश भी दिए हैं। इस मामले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बेजा इस्तेमाल को लेकर भी चिंता जताई गई है। इस सुनवाई में कहा गया कि जेनरेटर एआई जैसे उपकरणों का प्रयोग प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा उनके परिश्रम से अर्जित सद्भावना और प्रतिष्ठा पर गलत असर डालने के लिए किया जा रहा है। न्यायालय को बताया गया कि कुछ लोग लाभ कमाने के लिए अनिल कपूर की फोटोज का इस्तेमाल कर रहे हैं।