विपुल रेगे। ड्रेस डिजाइनिंग के क्षेत्र में भारत अब आत्मनिर्भर बनता जा रहा है लेकिन बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर इस मामले में ‘पाकिस्तान निर्भर’ है। मीडिया में इस बात की बहुत चर्चा है कि स्वरा ने फमद अहमद से शादी के बाद पाकिस्तान से मंगाया लहंगा पहना था। भारत की जागरुक मीडियाने स्वरा के लहंगे के भारत पहुँचने का पूरा ट्रेक विस्तार से बताया है।
भारत में ड्रेस डिजाइनिंग बहुत अच्छे स्तर पर आ चुकी है। आज भारत में पचास से भी अधिक ऐसे ड्रेस डिजाइनर हैं, जिनकी तूती विदेश तक बोल रही है। इनमे से कुछ नाम तो आम नागरिक भी जानते हैं। सव्यसाची मुखर्जी, भानु अथैया, मनीष मल्होत्रा, मसाबा गुप्ता, रोहित बल, नीता लुल्ला जैसे ख्यातिलब्ध ड्रेस डिजाइनर्स के होते हुए जब स्वरा भास्कर पाकिस्तानी ड्रेस डिजाइनर अली जीशान के पास जाती हैं तो बात बहुत अखरती है।
स्वरा भास्कर ने अली को धन्यवाद देते हुए अपने लहंगे की यात्रा का वर्णन किया है, जिसे हमारी जागरुक मीडिया ने हाथोहाथ लिया है। स्वरा का बैकग्राउंड केवल अभिनेत्री का ही नहीं है। वे एक राजनीतिक दल की स्ट्रांग सपोर्टर हैं और करंट मुद्दों पर लगातार प्रतिक्रिया देती रहती हैं। इस नाते उनको पाकिस्तान से लहंगा मंगवाने का ‘जेस्चर’ बहुत सूट करता है। सन 2015 में स्वरा पाकिस्तान गईं थी और वहां उन्होंने लाहौर को लंदन और न्यूयार्क से अच्छा शहर बताया था।
ऐसे कमेंट्स और बयानों के लिए स्वरा को सोशल मीडिया पर बहुत ट्रोल किया जाता रहा है लेकिन उन्होंने अपना स्टैंड और लाइन नहीं बदली। जब ‘कश्मीर फाइल्स को लेकर इजरायल के एक फिल्मकार नदाव लापिड ने शर्मनाक बयान दिया तो स्वरा ने उसके बयान का समर्थन कर दिखाया कि उन्हें पाकिस्तान इतना क्यों पसंद है। स्वरा इतनी सक्षम हैं कि भारत के अच्छे से अच्छे ड्रेस डिजाइनर से अपना लहंगा डिजाइन करवा सकती थी। फिल्म स्टार्स अपना हर एक्ट जनता को दिखाना चाहते हैं।
यहाँ तक कि वे ये भी चाहते हैं कि उनकी शादी में लाए जा रहे लहंगे की यात्रा भी मीडिया जनता को बताए। आज बॉलीवुड प्लेटफॉर्म पर ‘लहंगा’ ख़बरों में चल रहा है। बॉलीवुड को जानने और समझने वाली जनता अब तक ये तय नहीं कर पाई है कि ये मीडिया का नेक्स्ट लेवल है या उसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट। इन दिनों ख़बरों में रहने के लिए फिल्म स्टार्स पीआर के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीआर की दखलंदाज़ी के कारण फिल्म पत्रकारिता का स्तर हद से नीचे जा गिरा है और रिपोर्टिंग के चैलेंज एयरपोर्ट से बाहर आती सेलेब्रेटी के फोटो खींचने तक ही सीमित रह गए हैं।
पाकिस्तानी लहंगा ये भी बता रहा है कि भारत की फिल्म पत्रकारिता अपने अब तक के सबसे निम्न स्तर पर जाकर कराह रही है।