अगस्त 2013 में संत आशाराम बापू के खिलाफ नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई और 31 अगस्त के देर रात उन्हें इंदौर के एक आश्रम से गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बाद 2013 में ही गुजरात की दो बहनें सामने आयी बड़ी बहन ने संत आशाराम बापू पर और छोटी बहन ने उनके पुत्र नारायण साईं जी पर कई साल पहले बलात्कार करने का आरोप लगाया।
इस मुद्दे पर Sandeep Deo का Video
क्या इस बात में आपको प्रथम दृष्टया सच्चाई दिख रही है ? अब तक ये दो बहनें चुप क्यों थी ? जबकि वो उस तथाकथित घटना के बाद सतत सत्संग कार्यक्रमो में आती-जाती रहती थी। अब सबसे पहले संत आशाराम बापू के द्वारा धर्मांतरण को रोकने व हिन्दू धर्म/संस्कृति के पुनरुत्थान के जो कार्य किये गए उन पर एक नजर डालते हैं उसके बाद केस के कुछ तथ्य आपके सामने रखेंगे – (वीडियो जरूर देखें)
- “कलाहांडी” भारत के ओड़िशा राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय भवानीपटना है। उपरोक्त जिले में रहने वाले गरीब/पिछड़े/आदिवासी की वर्तमान स्थिति का हाल बयान करती बीबीसी न्यूज़ की दिनांक 03/04/2021 की एक रिपोर्ट की हैडलाइन में लिखा था “ओडिशा का कालाहांडी आज़ाद भारत में शायद भूख का जीता-जागता निशान है. यहां के आदिवासी जब खाने को कुछ नहीं मिलता तो इमली का पानी पीकर सो जाते हैं”
अब इस बात का संत आशाराम बापू से क्या कोई संबंध है ? तो जवाब हैं “हाँ” क्योंकि बापू ने कलाहंडी उड़ीसा,हो छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि के सुदूर इलाके जहां ईसाई मिसनरी वहां के भोले-भाले लोगो को पैसे,चिकित्सा, राशन-पानी आदि का लालच देकर बड़ी मात्रा में धर्मपरिवर्तन का कार्य कई दशकों से कर रही हैं। दुर्भाग्यवश इन क्षेत्रो में प्रशासनिक स्तर से समुचित राहत इन गरीब/आदिवासी सामज के लोगो तक नही पहुंच पाती है, लेकिन संत आशाराम बापू व उनके अनुयायी ऐसे क्षेत्रो में राहत पहुचाने के काम 40 वर्षो से भी अधिक समय से कर रहे हैं –
I) संत आशाराम बापू के आश्रम द्वार सुदूर/गरीब/आदिवासी/पिछड़े क्षेत्रो में सतत बड़े स्तर पर धार्मिक सत्संग कार्यक्रम आयोजन कर राशन,वस्त्र,बर्तन, पैसे आदि बांटे जाते थे, ताकि कोई इन मूलभूत सुविधाओ के अभाव में अपने धर्म को त्याग कर ईसाई मिसनरी के चंगुल में न फस जाए। (कुछ वीडियो लिंक्स)
II) आश्रम की ओर से ग्राम स्तर पर भजन करो,भोजन करो, दक्षिण पाओ कार्यक्रम संचालित किया जाता था, जिसमें गरीब आदिवासी लोग आश्रम में आकर भजन/भोजन करते और उन्हें दक्षिणा देकर विदा किया जाता इस दौरान बहुत से लोगो की घर वापसी भी हुयी क्योंकि अधिकतर लोग इनके अन्न व मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ही ईसाई मिसनरी के षड्यंत्र का शिकार हो रहे थे।
III) आश्रम द्वारा दूर-दराज इलाको के बाढ़ व अन्य आपदा के समय भी सैंकड़ो आदिवासी/ग्रामीण लोगो को पक्के घर बनवाकर दिए गए तथा आश्रम की तरफ से प्रत्येक परिवार का राशन कार्ड बनाया गया जिससे वह लोग समय-समय पर आश्रम जाते और आश्रम द्वारा जारी किए गए राशन कार्ड के आधार पर उन्हें सामिग्री उपलब्ध कराई जाती थी ताकि उन्हें अपने जीवन यापन में कोई कठिनाई न हो।
IV) आश्रम की तरफ से गुजरात आदि राज्यो के ग्रमीण इलाको में जा-जाकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कई Mobile Dispensary(चलते फिरते औषधालय) की शुरुआत की, जिसमें कुछ साधिका बहने दूर-दराज के इलाकों में एक गाड़ी के माध्यम से जाती और लोगो को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराती थी।
V) गरीब और पिछड़े लोग एवं प्रशासन के अनदेखे लोग बापूजी के विशेष कृपा पात्र हैं ! होली, दशहरा, दीवाली आदि पर्वों पर जब सभी लोग अपने मित्रो-परिजनों के साथ मिलकर ख़ुशी मनाते हैं, तब बापूजी कहीं सुदूर क्षेत्रों में जाकर इन गरीब और पिछड़े आदिवासियों को अन्न, वस्त्र, बर्तन, मिठाई एवं घर के लिए अन्य उपयोगी वस्तुएं प्रदान कर उनके जीवन को रोशन करते हैं ! आज भी बापू के अनुयायी समय समय पर व इन सुदूर ग्रामीण इलाकों में विभिन्न पर्वो पर इन लोगो के बीच जाते हैं उनको राशन/वस्त्र/बर्तन/आर्थिक सहायता/चिकित्सा आदि की सुविधा प्रदान करते हैं।
अब विषय को थोड़ा और आगे लेकर चलते हैं जकार्ता इंडोनेशिया के रहने वाले रोबर्ट सोलेमन जिन्होंने अपनी पढ़ाई ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की। रोबर्ट सोलेमन का कहना है कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में चर्च के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत 1987 तक ईसाई मिसनरी के साथ देश-विदेश में धर्म परिवर्तन के कार्य मे संलग्न रहा लेकिन अब प्रायश्चित स्वरूप बापूजी के चरणों में रहकर भारतीय चिंतन/दर्शन/संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहा हूँ। सोलेमन कहते हैं मैंने अपना नाम बदलकर अब सुमन कुमार कर दिया है और संत आशाराम बापू में वो ताकत है जो विश्व को दिशा दे सकते हैं
अब संत आशाराम बापू के केस में बात करते हैं – पूज्य बापूजी के इस केस में लीगल flaws और इन्वेस्टीगेशन flaws इतने है जितने शायद ही किसी अन्य केस में हों फिर भी इस केस में sole testimony को एकमात्र आधार मानकर एकतरफा निर्णय सुना दिया गया, कुछ flaws निम्नलिखित हैं।
I) FIR के साथ छेड़छाड़ करि गयी। FIR पर जो सीरियल नम्बर लिखा था उसे व्हाइटनर से मिटाया गया।
II) महिला थाना हेल्प डेस्क रजिस्टर जहाँ परिवादी पक्ष के आने का हवाला है, में लड़की, उसकी माँ और पिता के हस्ताक्षर नहीं है।
III) FIR में बलात्कार का जिक्र नही था सिर्फ छेड़छाड़ का ही आरोप लड़की के द्वारा लगाया गया यह बात 100 प्रतिशत सत्य है। (दोनों वीडियो जरूर देखें)
IV) लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराने से पहले एक संदिग्ध ngo जिसका नाम कल्पना है और जिसका रजिस्ट्रेशन भी हाल ही का है उसकी सदस्य से काउंसल करवाया गया। उस एनजीओ की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है।
V) FIR रजिस्टर के पन्ने फटे हुये थे
VI) FIR तथाकथित घटना के 5 दिन बाद करवाई गई। जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बता सकी।
VII) लड़की रहने वाली शाहजहांपुर की, पढ़ती छिंदवाड़ा में थी, घटना जोधपुर की बताई और FIR दिल्ली में कराई जबकि वो चाहती तो जोधपुर या अपने निवास स्थान शाहजहांपुर में करवा सकती थी।
VIII) लड़की की दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई जिसमें लड़की की सभी मेडिकल रिपोर्ट्स नॉर्मल आयी न ही उसमें शील भंग हुआ और न ही जोर जबरदस्ती के कोई निशान शरीर पर देखने को मिले। लड़की का जब मेडिकल हुआ तब उसकी पल्स रेट और बीपी नॉर्मल था।
IX) लड़की ने आरोप पत्र में घटना का जो समय बताया है उस समय वह किसी अन्य व्यक्ति के साथ फोन पर sms आदान प्रदान कर रही थी और फिर बाद में कई देर तक फोन पर बात भी कर रही थी।
X) 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की जिला न्यायालय ने बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और उस तथाकथित बलात्कार के केस में सहयोग करने के आरोप में बापू के सहयोगी के रूप में शरद और शिल्पी(संचित गुप्ता) को भी 20-20 साल की सजा हुई थी। शिल्पी शरद ने अपनी सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की हाइकोर्ट ने 2018 में ही दोनों की सजा स्थगित कर दी और कहा उनके पास अपनी सजा को चैलेंज करने के लिए पुख्ता सबूत है। न्यूज़ लिंक –
बापूजी को कुल 11 प्राणघात बीमारियां है व हृदय रोग से संबंधित बीमारी है। बापू कोरोना से भी संक्रमित थे अभी कुछ दिन पहले ही बापूजी कोरोना से ठीक हुए हैं। अप्रैल 2018 तक बापू की 12 बार जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। पैरोल हर कैदी का अधिकार होता है लेकिन बापू के प्रकरण में मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।
ये तो investigation flaws है ऐसे ही बीसियों legal flaws भी हैं जो पूज्य बापूजी की निर्दोषता स्वतः सिद्ध करने के लिये पर्याप्त से कहीं ज्यादा है फिर भी कानून का दुरुपयोग करते हुये। एकतरफा कार्यवाही की गई और लड़की के बयान को मुख्य आधार माना गया। शरुआत में जो सेवा कार्य का विवरण दिया गया उसके अतिरिक्त संत आशाराम बापू द्वारा कई दशकों से विभिन्न सेवा कार्य चलाये जा रहे हैं जिसमें से कुछ का विवरण –
I) युवा सेवा संघ स्थापित कर व्यसन मुक्ति अभियान अभियान, आदि के माध्यम से युवाओ के चरित्र निर्माण का कार्य 2 करोड़ से भी अधिक युवाधन सुरक्षा हेतु साहित्य का वितरण।
II) महिला उत्थान मंडल के माध्यम से युवतियों के चरित्र निर्माण का कार्य।
III) हजारो बाल संस्कार केंद्र द्वारा बच्चो को धर्म की शिक्षा देना व महापुरुषों के चरित्रों से अवगत कराकर उनके जीवन को सही दिशा देना।
IV) बापू की प्रेरणा से वर्ष 2007 से देश-विदेशों में बड़े स्तर पर 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की जगह माता पिता पूजन दिवस मनाना। हर वर्ष हजारो स्कॉलो-कॉलेज-सार्वजनिक स्थलों पर यह कार्यक्रम आयोजित होता है जिसमें लाखो विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं। जिससे लाखो-करोड़ो रुपयों का मल्टीनेशनल कंपनियों को होता है नुकसान।
V) बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसंबर को क्रिसमस के स्थान पर देश-विदेश में भारतीय मूल के लोग तुलसी पूजन दिवस मनाते हैं। आप समझ सकते हैं ईसाई मिसनरी क्यो बापू के पीछे पड़ी हैं।
VI) सन्त आशाराम बापू द्वारा निवाई , कोटा एवं श्री गंगानगर गौशाला-राजस्थान, नारनौल-हरियाणा, श्योपुर-मध्यप्रदेश, लुधियाना गौशाला आदि में कत्लखाने जा रही गायों का व सड़क हादसे का शिकार हुई गायों का पालन पोषण होता है ऐसी ही सैंकड़ो गौशालाएं और भी देशभर में बापू आश्रम द्वारा संचलित की जा रही है।
क्या अब भी आपको लगता है संत आशाराम बापू दोषी हैं ? 2004 में कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती जो को हत्या के झूठे आरोप में फसाकर जेल में डाला गया तब संत आशाराम बापू ने जंतर मंतर पर धरना दिया और उनकी रिहाई की मांग की इसके बाद भी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जी को मालेगांव ब्लास्ट में, असीमानंद जी समझौता एक्सप्रैस के बम ब्लास्ट में फसाया गया और फिर निर्दोष बरी हुए। बापू हमेशा प्रत्येक संत के समर्थन में आये है अब यह हिन्दू अजर संत समाज कहा सोया है ? हिन्दू/संत समाज से निवेदन है सोचो विचार करो और संत आशाराम बापू के साथ हो रही साजिस के विरोध में आगे आकर उनकी रिहाई की मांग करो वरना कही देर न हो जाय।
नोट:- यह लेख आशाराम बापू के एक अनुयायी द्वारा लिखी गई है। ISD टीम इसमें व्यक्त तथ्यों की जांच का कोई दावा नहीं करता है।
Yes strongly agree; he is innocent and caught coz of missionaries
Nice
बापू को जान बूझ कर जेल मे रखा गया है सारा न्यापालिका बिक चुका है
Yes, a big co conspiracy against him.
संत श्री आसारामजी बापूजी ने हज़ारो धर्म परिवर्तित लोगों को अपने धर्म में घरवापसी करवाई, लाखों गौ-माताओं को क़त्लखाने जाने से बचाया,जिसकी वजह से उन्हें षड़यंत्र के तहत झूठे केस में फसाया गया
भ्रष्ट न्याय तंत्र है देश का,
कुंभकर्ण की निंद्रा के बाद अगर कोई सोया हुआ है तो वो भ्रष्ट न्याय तंत्र है !!!!
An eye opener article..
This all is a conspiracy against Sant Shri Asharamji Bapu. He is innocent.
Asharamji nirdosh hi hai..
Agree with you about the conspiracy