अर्चना कुमारी। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमक्री से जाट समुदाय खफा है। यह मामला अब पुलिस में भी पहुंच गया। एक वकील ने डिफेंस कलोनी थाना में मंगलवार रात में इसकी शिकायत की। बाद में मामले को नई दिल्ली जिला में ट्रांसफर कर दिया गया। सूत्रो ने बताया द्वारका में 360 गांव के किसान समुदाय ने विरोध में पंचायत का आयोजन किया है। जाट समुदाय ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के समर्थन में कहा अपमान कतई सहा नहीं जाएगा।
पालम 360 खाप प्रधान, चौधरी सुरेंद्र सोलंकी कहते हैं, यह बैठक इसलिए बुलाई गई है ताकि या तो टीएमसी सांसद (कल्याण बनर्जी) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और भारत भर के लाखों किसानों से माफी मांगें, या हम आज ही एक बड़ी और बैठक बुलाएंगे। टीएमसी के खिलाफ विरोध अब तेज होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी के बारे में बात करते हैं, क्योंकि पूरी स्थिति के प्रति उनका दृष्टिकोण बहुत ही गैर-पेशेवर और हास्यास्पद था।
हमारी एकमात्र मांग यह है कि हम एक किसान परिवार का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि उप राष्ट्रपति के आपत्तिजनक हावभाव का प्रदर्शन करने के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जाट समाज किसान परिवार का अपमान नहीं सहेगा। राज्यसभा के सभापति का अपमान क्यों किया गया? क्योंकि वो किसान परिवार में जन्मे हैं? मुझे उम्मीद है ममता बनर्जी खुद माफी मांगने के साथ ही अपने सांसदों से माफी मंगवाने का काम करेंगी। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी। इस मामले में राजस्थान में जाट नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपने सोशल प्लेटफार्म एक्स पर इसे शर्मनाक घटना बताया। उन्होंने कहा कि किसान परिवार में जन्मे और राजस्थान के गौरव देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का विपक्षी नेताओं द्वारा उपहास करना न केवल उन्हें बल्कि भारतीय संविधान को भी अपमानित करना है। चूरू से सांसद राहुल कस्वां ने भी कहा देश के उपराष्ट्रपति जैसे गरिमामयी पद पर आसीन राजस्थान के गौरव जगदीप धनखड़ का विपक्ष ने जिस प्रकार से उपहास उड़ाकर उनका अपमान किया है, वो बेहद शर्मनाक कृत्य है।
इस बीच उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन करके उनके अपमान पर दुःख जताया है। उन्होंने कहा है कि वह इस प्रकार के अपमान पिछले दो दशकों से झेल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसे दुखद घटना करार दिया । उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसे उनकी किसान पृष्ठभूमि और जाट समाज से होने को लेकर अपमान बताया था। ज्ञात हो मंगलवार को विपक्ष के सांसदों ने संसद के बाहर उप-राष्ट्रपति की नक़ल उतारी थी और उनका मजाक उड़ाया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस मामले पर दुःख जताया है।उन्होंने लिखा, जिस तरह उप-राष्ट्रपति का संसद भवन में अपमान किया गया, वह देखकर मैं चकित थी। जनप्रतिनिधियों को खुल कर उनकी बात रखनी चाहिए लेकिन यह सम्मानजनक तरीके से होना चाहिए। यह हमारी संसदीय परम्परा रही है और हमें इस पर गर्व है, भारत के लोग हमें इसे बनाए रखने की आशा करते हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने को लेकर बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बाद भी भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा (जिन्होंने लोकसभा में दो घुसपैठियों के प्रवेश की सुविधा प्रदान की थी) को अब तक न तो हटाया गया है और न ही उनसे पूछताछ की गई है। इसी तरह सांसद रमेश बिधुरी पर कोई कारवाई न हुई,जिसने सांसद दानिश को उग्रवादी और कटुआ आदि असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था।