1) अखबार की यह कटिंग 17 जनवरी 2005 की है।
२) कश्मीर में इस्लामी आतंकी एक हिंदू को मारकर उसका मांस पकाकर खा गया। स्वामी नरसिंहानंदजी के अनुसार कश्मीर में अब तक हिंदुओं को मारकर मांस खाने की १०० से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं।
३) इतने अमानवीय कुकृत्य पर भी न तथाकथित उदारवादी मुस्लिमों ने इसकी निंदा की, न किसी नेता ने, न मीडिया ने और न मुर्गी मानसिकता वाले सेक्यूलर हिंदुओं ने।
४) आज #TheKashmirFiles देखकर जिनके पेट में मरोड़ उठ रही है, वो पंचमक्कार गिरोह उस वक्त भी इसे दबाने में लगे थे।
५) तब अकेले स्वामी नरसिंम्हानंद ने इसके विरोध में अनशन किया था।
६) आज जो मास्टरस्ट्रोकवादी नरसिंम्हानंद जी के बोलने पर यह कहते हैं कि वह भाजपा का हिंदू वोट कम करेंगे, भाजपा विरोधी हैं आदि, वो देखें कि नरसिंम्हानंद 2005 में भी हिंदू हित के लिए उसी तरह खड़े थे। हां, अब वो सरकारी मास्टरस्ट्रोकवादी हिंदू बोलें कि तब तो भाजपा विपक्ष में थी, फिर हिंदू के साथ हुए इतने बड़े अमानवीय कुकृत्य पर वह क्यों सड़क पर नहीं उतरी?