अर्चना कुमारी। खालिस्तानी आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस नेता गुरवंत सिंह पन्नू पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई का तो एजेंट है ही, आशंका है वह अमरीकी खुफिया एजेंसी के लिए भी काम कर रहा है। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिख वोटबैंक के लालच में निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगा दिया और अब अमरीका भी उसके साथ खड़ा दिखाई देता है।
कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू जो की जो एक बार फिर भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला है और उसने कनाडा में रह रहे हिंदुओं को खदेड़ने तक की धमकी दे दी है। अब उसका बचाव अमरीका भी चोरी छुपे कर रहा है । भारत ने पन्नू के खिलाफ कई सबूत अमेरिका और कनाडा को सौंपे , लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ ।गुरपतवंत सिंह पन्नू को कनाडा और अमेरिका में विशेष सुरक्षा मिली हुई है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पन्नू पाक और अमेरिकी खुफिया एजेंसी का एक मोहरा है।
उसके पास कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता है। अमेरिका और कनाडा ने उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए तैयार किया है। अब अमेरिका से पहले ट्रूडो ने अपने चुनावी हितों को साधने के लिए पन्नू और उसके तथाकथित खालिस्तानी आंदोलन का इस्तेमाल कर लिया । अब कनाडा पीएम ट्रूडो ने अमेरिकी खुफिया और प्रचार माध्यमों की मदद से भारत को बदनाम करने के लिए खालिस्तान को हथियार बनाया ।
वैसे भी अमेरिका और कनाडा तब तक किसी को आतंकवादी नहीं मानेंगे, जब तक उनके देश में कोई हमला नहीं होता । कनाडा और अमेरिका एक ऐसा देश है, जो दुनिया को कायदे कानून, संप्रभुता , धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर ज्ञान देता है, लेकिन खुद उसका पालन नहीं करता।
गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में मोस्ट वॉन्टेंड आतंकवादी है। भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को यूएपीए कानून के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित कर रखा है। जुलाई 2020 में पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। पन्नू अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खालिस्तान को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। वह कनाडा और अमरीका भी आता जाता है लेकिन कभी उसे रोका टोका नही गया ।
वह पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को फिर से जिंदा करने की कोशिश में है और उसे अमरीका व कनाडा से भी लगातार समर्थन मिलता रहा है। उसने विदेशों में रहने वाले सिखों को बरगलाकर खालिस्तान के पक्ष में भड़काया और भारत में रहने वाले सिखो को उकसाया। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी आईएसआई से मिले पैसों से भारत में हिंसा फैलाने की साजिश भी उसने कई बार रची और उसका कभी बाल बांका नहीं हुआ।
सूत्रों ने दावा किया आई एस आई के कनाडा में मौजूद एजेंट्स ने कनाडा में खालिस्तानी ग्रुप के लोगों के साथ एक सीक्रेट मीटिंग की और मीटिंग में एंटी- इंडिया प्रोपेगैंडा को ज्यादा से ज्यादा फैलाने को लेकर प्लान तैयार किया गया ।कनाडा में रह रहे खालिस्तानियों के चीफ पन्नू की बड़ी संख्या में फंडिंग हुई है और फंडिंग के जरिये ही सिख लोगों को प्रदर्शन की जगह ले जाने, पोस्टर, बैनर और भारत के खिलाफ युवाओं को भड़काने का काम वह करता रहा है ।