अर्चना कुमारी। भगवान परशुराम जी के द्वारा स्थापित शिवशक्ति धाम डासना भारत वर्ष के प्राचीनतम उपासना स्थलों में से एक है।शिवशक्ति धाम में ही माँ महाकाली की विश्व की सबसे प्राचीन प्रतिमा विराजमान है।
भगवान परशुरामवंशीय ब्राह्मणों के वंश में जन्मे श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी भगवान परशुराम जी की कुल वंश परम्परा का निर्वहन करते हुए देवाधिदेव भगवान महादेव शिव व जगद्जननी माँ जगदम्बा बगलामुखी में उपासक है।परशुरामवंशीय ब्राह्मणों के आग्रह पर इस वर्ष उन्होंने श्रीपरशुरामजी के जन्मोत्सव से माँ बगलामुखी जयन्ती तक माँ बगलामुखी का महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया।इस महोत्सव में सात दिवसीय महायज्ञ के साथ दैनिक भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रवीण त्यागी जी इस महायज्ञ के मुख्य यजमान होंगे। धार्मिक ग्रन्थों के आधार पर यह माना जाता है कि देवाधिदेव भगवान महादेव शिव की दस महाविद्याओं में आठवें नम्बर की महाविद्या माँ बगलामुखी के मानव शरीर मे सबसे पहले उपासक भगवान परशुराम जी थे।उन्ही की कठोर साधना और तपस्या से माँ बगलामुखी पृथ्वी पर प्रकट हुई और जनकल्याण कर रही हैं।
विजय और यश के साथ राज्य और समृद्धि को प्राप्त करने वाले सभी सनातन धर्मी योद्धा माँ बगलामुखी या माँ महाकाली की उपासना से ही शक्ति प्राप्त करते हैं।सनातन धर्म में यह प्रचलित मान्यता है कि देवाधिदेव भगवान महादेव शिव और माँ बगलामुखी के साधक व भक्त कभी भी शत्रुओ से पराजित नहीं होते और प्रत्येक प्रकार की समृध्दि यश और उत्कर्ष को प्राप्त करते हैं।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर व शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज दुनिया के प्रत्येक मानव को महादेव शिव व माँ बगलामुखी की साधना व भक्ति की ओर लाने का अथक प्रयास कर रहे हैं।इसी प्रयास को अधिक संगठित करने के लिये उन्होंने इस महोत्सव का आयोजन किया है।
उन्होंने विश्व के सभी परशुरामजी के भक्तों का आह्वान किया कि हर श्रीपरशुरामवंशीय सनातनी को प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम जी द्वारा स्थापित शिवशक्ति धाम डासना में भगवान परशुराम जी सहित उनके आराध्य देवाधिदेव भगवान महादेव शिव व जगतजननी माँ जगदम्बा बगलामुखी के दर्शन करने चाहिए।ऐसा करने वालो की सभी सात्विक मनोकामनाएं देवाधिदेव भगवान महादेव शिव व जगद्जननी माँ जगदम्बा बगलामुखी पूर्ण करेंगी।