अर्चना कुमारी। करोना को लेकर दिल्ली में कालाबाजारी चरमोत्कर्ष पर है और दिल्ली पुलिस एक करोड़ से अधिक के ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया । पकड़े गए आरोपियों की पहचान अनुत जैन, अनिल जैन, शेखर और केशव चौधरी के रूप में हुई है।
आरोपियों की निशानदेही पर कुल 115 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 4.90 लाख कैश और दो गाड़ियां बरामद की हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है आरोपी जरूरतमंद लोगों को 1.10 लाख रुपये में ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बेच रहे थे।
जांच कार्रवाई के दौरान पता चला है कि आरोपी अनिल व अनुज सगे भाई हैं। वर्ष 2017 में अपराध शाखा ने नोटबंदी के दौरान आरोपी अनिल को पांच करोड़ रुपये के पुराने नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।
राजधानी में कोई ऐसा इलाका नहीं बचा है जहां पर जमकर कालाबाजारी नहीं हो रही है और ऐसे ही इस मामले में एएटीएस को सूचना मिली कि अनुज जैन नामक युवक ऑक्सीजन कन्संट्रेटर की कालाबाजारी कर रहा है।
इस तरह की जानकारी मिलने के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी को नकली ग्राहक बनाकर भेजा गया। पता चला आरोपी संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में स्विफ्ट कार में मौजूद थे।
इसके बाद ग्राहक बना पुलिसकर्मी ने 1.10 में सौदा कर पांच हजार रुपये बयाना दे दिया। इसके बाद इशारा मिलते ही मौके पर मौजूद अन्य पुलिस ने कार सवार अनुज जैन और शेखर कुमार को दबोच लिया।
इनकी कार से पांच ऑक्सीजन कन्संट्रेटर मशीन बरामद हुई। पुलिस का कहना है कि दोनों के खिलाफ समयपुर बादली थाने मे विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया।
छानबीन के क्रम में पूछताछ के दौरान आरोपी अनुज ने बताया कि उसने जनकपुरी स्थित अपने घर पर मशीनों को स्टाक रखा हुआ है। इसके बाद एएटीएस, स्पेशल स्टाफ और समयपुर बादली थाना पुलिस ने जनकपुरी में अनुज के घर से 60 मशीनें और बरामद की।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि दोनों से पूछताछ के बाद केशव चौधरी को उसकी कार समेत दबोचा गया। उसकी कार से पांच मशीनें बरामद हुई। बाद में पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से शेखर और केशव को जेल भेज दिया गया जबकि अनुज की पुलिस रिमांड मिल गई।
कार्रवाई के दौरान शनिवार को पुलिस की टीम अनुज को लेकर उसके गोदाम पहुंची तो गोदाम खोलने पर वहां से 45 मशीनों के अलावा अंदर अनुज का भाई अनिल भी मिला।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी बंद गोदाम में अंदर था। पुलिस ने उसके पास से 4.90 लाख रुपये भी बरामद कर लिये। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि कोरोना काल में इन लोगों ने ऑक्सीजन कन्संट्रेटर खरीदने के बाद उनकी कालाबाजारी शुरू कर दी थी।
पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी इतने कन्संट्रेटर कहां से लाए। इतना तो तय हो गया कि राजधानी में कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है और सरकार का इस पर से नियंत्रण हट चुका है जिसके चलते आए दिन इस तरह की करतूतें सामने आ रही है।