अर्चना कुमारी। भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मणिपुर में बांग्लादेश और म्यामार के उग्रवादी संगठन हथियार सप्लाई कर रहे है और इसका खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने किया है। हैरत की बात है केंद्र सरकार को इसका पता है,फिर भी चरमपंथी पर नकेल नहीं कसा जा रहा है। देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में लंबे वक्त से जारी मैतेई और कुकी हिंसा को भड़काने के पीछे बांग्लादेश और म्यांमार के उग्रवादी संगठनों का हाथ होने की पुष्टि की गई है ।
विदेशी उग्रवादी संगठन मणिपुर में मैतेई और कुकी दोनों समुदायों को आपस में लड़ाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की फिराक में हैं।इनकी योजना भारत को लगातार नुकसान पहुंचा रही है और सरकार इनसे निबटने के लिए ठोस कार्य योजना की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में भारत के ही उग्रवादी संगठन के नेता भी इनका साथ दे रहे हैं। इन्हीं के जरिए बांग्लादेश और म्यामार के आतंकी संगठन मणिपुर में गोला और बारूद पहुँचा रहे हैं।
आतंकी संगठन हथियारों की खरीद के लिए फंडिंग भी कर रहे हैं।ज्ञात हो कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच हो रही हिंसा पर एनआईए की नजर है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को शक था कि कहीं से तो इस हिंसा की आग को भड़काया जा रहा है। इसी सिलसिले में शनिवार को जाँच एजेंसी ने राज्य में फैली जातीय हिंसा का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया था।
मणिपुर में म्यामांर- बांग्लादेश के उग्रवादी पहुँचा रहे हथियार।
भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की फिराक में।
NIA का खुलासा।https://t.co/0AfVbMXHn5
— Panchjanya (@epanchjanya) October 1, 2023
पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ हिंसा के बहाने बांग्लादेशी और म्यामार के आतंकी और उग्रवादी संगठन भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी कर रहे है। सनद रहे मैतेई और कुकी समुदायों में जातीय हिंसा भड़की हुई है ।
हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।हिंसा की शुरुआत तब हुई, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था।
मणिपुर की आबादी में मैतेई की संख्या करीब 53 प्रतिशत हैऔर वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जबकि नागा और कुकी आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।पिछले दिनों यह दो किशोरी किशोर की हत्या बाद फिर मणिपुर सुलग रहा और इसका जिम्मेवार राज्य की लचार कानून वव्यस्था को जाता है