अर्चना कुमारी ।चंपई सोरेन को ‘झारखंड के टाइगर’ नाम से जाना जाता है। उन्होने राज्य के सीएम पद की शपथ ले ली है। इसके बाद वह शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया।इस बीच इनके विधायक टूटने की डर से हैदराबाद चले गए।
चंपई सोरेन की शपथ का रास्ता गुरुवार शाम साफ हुआ। उन्होंने कई विधायकों के साथ जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। इसके बाद झारखंड के राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत कर उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से कहा कि उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था। शपथ के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, हम राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में भाग लेंगे। हेमत सोरेन हमारी पार्टी के नेता हैं, उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं और वह न्याय के लिए अपनी लड़ाई में सफल होंगे। हैदराबाद गए विधायक टीम को झारखंड झामुमो और कांग्रेस के विधायक बन्ना गुप्ता ले गए है। सभी विधायक रांची हवाई अड्डे से हैदराबाद के लिए एक निजी विमान रवाना हुए।
नई सरकार को लेकर झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, हम हमेशा एक ही चीज की अपेक्षा करते हैं – गरीबों की सेवा की जानी चाहिए। हमें उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सब कुछ करना चाहिए। अच्छी सड़कें, अच्छा पीने का पानी, अच्छे स्कूल, अच्छी स्वास्थ्य सेवा और अच्छे घर। अंततः, पूरे राज्य में सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना होगा ताकि किसानों को लाभ मिले और लोगों को कमोडिटी मूल्य पर खाद्यान्न मिले।
नई सरकार को लेकर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा, हमें नहीं लगता कि चंपई सोरेन के जल्द ही मुख्यमंत्री बनने से झारखंड की स्थिति में कोई बदलाव आएगा। चंपई सोरेन सिर्फ एक कठपुतली होंगे और इनकी डोर सोरेन परिवार खींचेगा। सोरेन परिवार के पास अपनी सरकार के पहले चार वर्षों के दौरान 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों का संदिग्ध रिकॉर्ड है।
इसलिए बहुत कुछ बदलने की संभावना नहीं है। लेकिन मुख्यमंत्री को हमारी शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि वह कानून के अनुसार कार्य करेंगे और अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल नहीं होंगे और खनिज संपदा और यहां तक कि भूमि की लूट में शामिल नहीं होंगे जो उनके दौरान हुई थी।