मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को छात्रवृत्ति देने के पीछे का क्या है मनोविज्ञान और समाजशास्त्र!
केंद्र सरकार की ओर से पांच करोड़ अल्पसंख्यक बच्चों को स्कॉलरशिप का लाभ दिया जाएगा। अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स आदि योजनाओं के जरिए 5 करोड़ छात्रों को स्कालरशिप दी जाएगी। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा। इनमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा बेगम हजरत महल बालिका स्कॉलरशिप भी शामिल है।
अल्पसंख्यक वर्ग की बीच में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। साथ ही जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं नहीं हैं, वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, आवासीय विद्यालय बनाए जाएंगे। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि की शिक्षा दी जाएगी ताकि शिक्षा और रोजगार जरिए मुसलिम लड़कियां सशक्त बन सकें।
Sandeep deo जी आपकी पुस्तक कहानी कम्युंनिटों की आज ही प्राप्त हुई है ।
ओसामा, जवाहिरी, बगदादी, आसिया अंद्राबी, वगैरह सब पढ़े लिखे मुसलमान हैं।
एक हाथ क़ुरान और एक हाथ कंप्यूटर इनके हाथ में भी था, क़ुरान पढ़ कर कंप्यूटर और सोशल मीडिया के ज़रिए इन्होंने सिर्फ जिहाद और नफरत को बढ़ावा दिया है। आतंकी संगठनों के लिए लड़के recruit कर रहे हैं।
कितना भी इन पर हमारे मंदिरों, हमारी कमाई का पैसा मोदीजी लुटा दें, ये नहीं सुधरेंगे!
आसमानी किताब के अलावा इनका कोई मार्गदर्शक नहीं, इनका सिर्फ एक ही मकसद है और वो है जिहाद!
भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना!
कभी कभी लगता है कि भाजपा भी इनसे मिल कर हिंदुओं को धोखा दे रही है।
अगर मोदीजी प्रधानमंत्री हैं तो वो सिर्फ हिन्दू वोट्स की वजह से। उनके मुसलिम कैंडिडेट भी हार गए, मुस्लिम क्षेत्र से खड़े हिन्दू कैंडिडेट्स की तो जमानत भी जब्त हो गयी थी!
फिलहाल सब धोखा लग रहा है।