आखिरकार भाजपा के पूर्व सांसद नवजोत सिंह ने नयी पार्टी ‘आवाज ए पंजाब’ का गठन कर ही लिया. इसके साथ ही अरविन्द केजरीवाल के पंजाब अभियान को भी करारा झटका लगा है । दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की परेशानियों का दौर जो शुरू हुआ ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक के बाद एक नयी मुसीबतों का सामना करती आम आदमी पार्टी ने जिस तेजी से ऊंचाइयां को छुआ,उतनी ही तेजी से वह पतन की और बढ़ रही है।
दिल्ली में पहले से ही विवादों में घिरी आप को तब दोहरा झटका लगा जब कोर्ट ने आप के 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द करने आदेश दिया उसके ठीक कुछ देर बाद नवजोत सिंह ने पंजाब में अपनी नयी पार्टी ‘आवाज ए पंजाब’ की आधारशिला रख डाली। दिल्ली से पंजाब का रूख किये हुए आम आदमी पार्टी अब पंजाब में भी जमीन खोती दिख रही है। अपनी नयी पार्टी के गठन को नवजोत सिंह सिद्धू ने परिवर्तन और समय की मांग बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी की आवाज इंकलाबी है जिसके द्वारा पंजाब को वह फिर से वहीं ले जाएंगे जिसके लिए की पंजाब जाना जाता था।
खैर सिद्धू साहब ने अपनी नयी पार्टी का गठन कर तो लिया लेकिन अभी उन्हें बहुत लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने यह स्वीकार भी किया, ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि पंजाब में अभी भी काले बादल मंडरा रहे हैं, जिनसे बाहर हम तभी निकल सकते हैं, जब हम जाट पात और ऊंच नीच से बहार निकल कर राज्य की उन्नति के लिए कार्य करें। जो भी राज्य हित में काम करेगा मैं और पार्टी उसके साथ है’। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविन्द केजरीवाल को भी निशाने में लेते हुए कहा कि केजरीवाल जी ने मुझे लेकर जनता के सामने आधा-अधूरा पक्ष रखा।
पूर्व हॉकी खिलाडी परगट सिंह, बलविंदर सिंह बैंस उनके भाई सिमरजीत सिंह बैंस की अगुवाई में कप्तान नवजोत सिंह सिद्धू के साथ नयी पारी ‘आवाज ए पंजाब’ का आगाज तो कर दिया लेकिन यह तो समय बताएगा कि राजनीति की पिच पर आम आदमी और कांग्रेस के बाउंसरों का यह कैसे सामना करेगी?