विनीत नारायण. आरएसएस से जुड़े दिल्ली के एक वकील ने बताया कि आख़िलेश यादव के मेरे घर भोजन पर आने के कारण अफ़वाह उड़ायी जा रही है कि मैं सपा में शामिल हो गया हूँ। तो मैंने उन्हें ये उत्तर भेजा; आपको पता है कि ‘जैन हवाला कांड’ उजागर करने से लेकर आजतक मैंने राष्ट्रीय स्तर की पत्रकारिता की है। इसलिये मेरी वृंदावन स्थित भजन कुटीर (आवास) पर हर राष्ट्रीय राजनैतिक दल के बड़े से बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री पिछले बीस बरस से नियमित आते रहे हैं, भाजपा के भी।
क्या आपने ये चर्चा नहीं सुनी कि प्रेस वार्ता में सबके सामने अखिलेश यादव ने बोला कि “हम विनीत नारायण जी को इसी वर्ष राज्य सभा भेजना चाहते थे पर इन्होंने हमारा प्रस्ताव नहीं माना, ये कहकर कि मेरी राजनीति में कोई रुचि नहीं है। मुझे केवल ब्रज सजाने में रुचि है।” इससे पहले भी दो बार प्रधानमंत्रियों ने 1996-97 में मुझे अपने घर बुलाकर राज्य सभा भेजने का प्रस्ताव स्वयं दिया था जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया।
आपको तो पता ही है कि मुझे ब्रज की लीलास्थलियों को सजाने से किसी मुल्ला या धर्मनिरपेक्ष दल के नेता ने नहीं बल्कि हिंदुत्व का ढोल पीटने वाली भाजपा व आरएसएस के लोगों ने पिछले पाँच बरस से साज़िश रच कर रोका है। क्योंकि मैं धाम सेवा के नाम पर उनका भ्रष्टाचार नहीं सह पाता। उसका विरोध करता हूँ। इसीलिए इन धर्मध्वजियों ने गोवर्धन पर श्रद्धा व लगन से द ब्रज फ़ाउंडेशन द्वारा सजाये गए संकर्षण कुंड व रुद्र कुंड का विध्वंस कर दिया।
उसके बाद पिछले 5 बरसों में जो इन्होंने धाम सेवा के नाम पर 600 करोड़ रुपये फुर्र करके विकास का ढोंग रचा है वो आप रोज़ाना सोशल मीडिया पर देख ही रहे हो। सत्य कहने और सामना करने के लिए बिहारीजी की कृपा और नैतिक बल चाहिये, WhatsApp यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले मूर्ख तो ऐसी अफ़वाह ही उड़ा सकते हैं- सत्य का सामना नहीं कर सकते। क्यों आपकी क्या राय है ?