. पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान परस्त गतिविधि में लिप्त होने की पत्रकारिता के लिए सरकार ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और बरखा दत्त के न्यूज चैनल समेत 12 चैनलों को नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर अपना जवाब देने को कहा है। सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी इस नोटिस में सिब्बल और बरखा दत्त के न्यूज चैनल ‘तिरंगा’ व आंनद बाजार पत्रिका के चैनल एबीपी समेत 11 चैनल को देश विरोधी गतिविधि में लिप्त होने ,भारत की संप्रभुता को चोटिल करने के आरोप में जवाब तलब किया गया है। संतोष जनक जवाब न मिलने पर भारत सरकार इन चैनलों पर लाईसेंस जब्त करने समेत, बेहद सख्त कार्रवाई कर सकती है। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सख्त रुख अख्तियार को देखते हुए सोमवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि मोदी सरकार उन्हें एक और मौका दे । इमरान ने भारत सरकार से हाथ जोड़कर एक और अवसर देने की गुजारिश की। गुजारिश इसलिए की क्योंकि नरेंद्र मोदी ने इमरान की अगुआई वाले पाकिस्तान सरकार को इस मामले में 2 दिन पहले कहा था कि इमरान खान ने खुद को पठान का बच्चा कहते हुए उन्हें भरोसा दिलाया था कि भारत पर आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान अपनी जमीन इस्तेमाल नहीं करने देगा। मोदी ने कहा इमरान को अब साबित करना है कि वे पठान के बच्चे हैं या नहीं। मोदी सरकार के सख्त रुख अख्तियार करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा भारत का गुस्सा जायज है। भारत के 44 सिपाहियों की शहादत ऐसी घटना है जिस पर भारत चुप नहीं बैठेगा। ट्रंप कि इस टिप्पणी ने भी पाकिस्तान को मजबूर किया कि भारत के सामने हाथ जोड़कर एक और अवसर की मांग करें। लेकिन भारत में बैठे पाकिस्तान परस्त पत्रकार लगातार पाकिस्तान की मार्केटिंग कर रहे थे । पुलवामा में हुए आतंकी हमले को तो कई बार ना सिर्फ भारतीय इंटेलिजेंस की नाकामी बताते रहे,अपने ही सरकार को कटघरे में लेते रहे। कुछ चैनल तो इसके लिए पाकिस्तान पर सवाल किए जाने के सवाल पर ही सवाल कर रहे थे। हद तो यह कि वे इसमें कहीं न कहीं सरकार की एजेंसियों से जुड़े लोगों की भूमिका तलाश रहे थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पर सवाल कर रहे थे। इससे अलग हटकर पाकिस्तान के सेना द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का सीधा प्रसारण भी कुछ चैनलों ने दिखा दिया। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने 22 फरवरी को आयोजित अपने प्रेस वार्ता में भारत के खिलाफ जहर उगला। पुलवामा के लिए भारत को ही दोषी ठहराया। कपिल सिब्बल के चैनल जिसने हार्बेस्ट से अपना नाम बदल कर राष्ट्रवाद के प्रदर्शन के लिए तिरंगा रखा उसने पूरे प्रेस कांफ्रेस का लाईव दिखा दिया। सूचना प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के चैनल तिरंगा की भूमिका सबसे ज्यादा संदेहास्पद है। इस चैनल को एनडीटीवी से निकाली गई बरखा दत्त चला रही है। जिसकी पाक परस्त भूमिका जगजाहिर है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक सिब्बल के चैनल तिरंगा पर वारदात के बाद 22 फरवरी को 3:41 से लेकर 4:02 तक पाकिस्तान सेना की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को दिखाने का आरोप है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक यह प्रसारण केवल टेलीविजन नेटवर्क एक्ट 1995 की धारा 5 का उल्लंघन है । जिसे देश विरोधी गतिविधि में लिप्त होना और देश में शांति भंग करने की साजिश में भूमिका निभाने का गंभीर आरोप बनता है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक यह केबल टेलीविजन नेटवर्क एक्ट की धारी 6( 1) का उल्लंघन है जो देश की संप्रभुता को ठेस पहुंचाने वाला माना गया है। इस कानून की धारा के मुताबिक इन चैनलों ने देश विरोधी गितविधि को अंजाम दिया है। देश में हिंसा का माहौल बनाने का प्रयास किया है व देश की प्रभुसत्ता को चोटिल करने का प्रयास किया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय नहीं कपिल सिब्बल के चैनल तिरंगा और एबीपी को नोटिस तो दिया ही है। इस गतिविधि के चपेट में क्रांतिकारी पत्रकार पूण्य प्रसून भी आए हैं जिनने नए नवेले चैनल सूर्या टीवी को भी नोटिस थमवा दिया है। इसके अलावा,एबीपी माझा, टीवी 18 इंडिया, संदेश न्यूज, न्यूज 18 गुजराती,न्यूज नेशन,टोटल टीवी जय महाराष्ट व लोकमत को भी नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है। दिलचस्प यह है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान भारत सरकार के रुख के भय से एक और अवसर की गुजारिश की। वही भारत में बैठे कुछ पाकिस्तान परस्त पत्रकार भारत के खिलाफ साजिश रचने की भूमिका में थे।बरखा दत्त जैसे पत्रकारों का पाकिस्तान के प्रति हमदर्दी तो सालों से है। यह कोई छुपी हुई बात नहीं है। आज एनडीटीवी वाली वह बरखा कपिल सिब्बल के लिए काम कर रही हैं। चैनल का नाम भले तिरंगा रख लिया लेकिन मिजाज वही है। पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता द्वारा में 44 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद 22 फरवरी को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को खरी-खोटी सुनाई गई थी। पाकिस्तानी सेना के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण को लेकर भारत सरकार का मानना है कि वह भारत की प्रभुसत्ता के खिलाफ था। उसका प्रसारण देश विरोधी गतिविधि में संलिप्त होने का मामला बनता है ।सरकार ने नोटिस तमाम टीवी चैनलों को केबल टेलिविजन एक्ट 1995 के नियम के उल्लंघन की एवज में जारी किया गया है। सात दिनों के अंदर यदि संतोषजनक जवाब इन चैनलों के तरफ से नहीं आता है, तो सरकार इन दोषी चैनलो के खिलाफ सख्त कानून के तहत कड़ा रुख अख्तियार कर सकती है। URL : notice for anti-nation reporting to pro-pakistani news channels like congressi sibbal – barkha datts, Tiranga and others 12
Keywords : kapil sibbal,barkha datt, abp, congress, कपिल सिब्बल,बरखा दत्त,तिरंगा न्यूज, एबीपी न्यूज
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