अर्चना कुमारी। उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी नाज़िया बानो के साथ रिश्ते में रहने के कारण हिंदू युवक 28 वर्षीय दिलीप की बेरहमी से हत्या कर दी। पीड़ित परिवार का दावा है देर रात नाजिया बानो ने दिलीप को अपने घर आने के लिए फोन किया। इसके बाद उसके भाई आसिफ, शौकत, सईद और उनकी पत्नियों ने कथित तौर दिलीप को फांसी पर लटका कर आत्महत्या का रूप दे दिया।
कई अभी आरोपी घटना के बाद से फरार है और इस तरह एक और हिंदू माँ ने अपने बेटे को जेहादियों के हाथों खो दिया। सवाल उठता है दोनो के धर्म अलग होने पर शादी के लिए इंकार करने पर लड़की और उसका परिवार पुलिस के पास जा सकते थे। पंचायत के माध्यम से बातचीत कर सकते थे लेकिन नहीं, उन्हें उसे मारना पड़ा क्योंकि वह एक हिंदू था। हैरत की बात है मुसलमान हिंदू लड़की को जिहाद कर फांसते है लेकिन लड़का हिंदू हो तो उसे मारने से परहेज नहीं करते।
मुसलमानों के मन में हिंदू जीवन के प्रति बिल्कुल भी सम्मान नहीं है, उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। बताया जाता है नाज़िया, जिस महिला से दिलीप प्यार करता था, उसने खुद ही उससे अपने घर बुला मरवा दिया। अब किराना कारोबारी दिलीप कुमार जायसवाल के शव का 60 घंटे बाद बृहस्पतिवार को गांव में ही अंतिम संस्कार हुआ है। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स भारी संख्या में मौजूद रही।
सनद रहे जेठवारा के गोपालापुर निवासी दिलीप कुमार जायसवाल की रामगंज बाजार में किराने की दुकान चलाते थे। सोमवार की रात उनका शव पर्वतपुर पूरे नगिया के रहने वाले कुट्टू उर्फ दरूद के घर के भीतर फांसी के फंदे पर लटकता मिला था। आरोप था कि दिलीप का गला कसकर हत्या करने के बाद शव को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था।
मृतक दिलीप के भाई प्रदीप की तहरीर पर पुलिस ने सात नामजद व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। मंगलवार को शव घर पहुंचा तो आक्रोशित ग्रामीण और परिजन थानाध्यक्ष की कार्यशैली पर नाराजगी जताने लगे। दिलीप का शव आरोपियों के घर में दफनाने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी। मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर के लिखित आश्वासन पर परिजन और ग्रामीण अंतिम संस्कार कराने के लिए राजी हुए।
हत्या के मामले में पुलिस आरोपी सईद, आसिफ, नाजिया, मोइन, शौकत, फातिमा बानो को जेल भेज चुकी है। बृहस्पतिवार को दिलीप के मुंबई में रहने वाले भाई राजीव के पहुंचते ही परिवारीजन फिर से रोने-बिलखने लगे। दिलीप की मौत के करीब 60 घंटे बाद 11 बजे शव को घर से कुछ दूरी पर दफनाया गया। सीओ अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि फरार चल रहे नामजद आरोपी की तलाश की जा रही है।