श्वेता पुरोहित। 6 फरवरी से 1 जून 2024 तक मंगल गोचर के कारण भारत और विश्व में खतरा है।
3 फरवरी को देवगुरु बृहस्पति यमदेव के भरणी नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं. ये नक्षत्र हमारे जन्म और मृत्यु से सम्बन्ध रखता है. इस नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं. बृहस्पति भरणी नक्षत्र में 17 अप्रैल तक रहेंगे.
निम्नलिखित तारीखें सावधानी रखने वाली हैं:
8 मार्च, 28 और 29 फरवरी, 5 अप्रैल, 10 और 11 अप्रैल, 18 और 19 मई
संभावित घटनाएं हैं:
1. रेल दुर्घटना
2. ग्रह युद्ध, सांप्रदायिक तनाव
3. सेनाएं युद्ध में व्यस्त हो सकती हैं. Civil riots वाली स्थिति बन सकती है.
4. आतंकवाद बढ़ सकता है.
5. किसी राजनेता की मृत्यु या हत्या होना सम्भव है.
6. प्लेन क्रैश या कोई बड़ी दुर्घटना
7. भारी प्राकृतिक आपदाएँ जैसे परमाणु बम, सुनामी, भूकंप, बाढ़ – कई लोगों की जान ले सकती हैं।
8. खाद्य संकट
9. कारोबार में नुकसान हो सकता है. बड़े बहुराष्ट्रीय संगठन ध्वस्त हो सकते हैं या उनमें काट-छाँट हो सकती है। परिणामस्वरूप, दुनिया भर में कई लोगों की नौकरियाँ जा सकती हैं और बेरोजगारी बढ़ सकती है.
10. नए घोटाले उजागर हो सकते हैं
11. आगजनि की घटनाएँ और तोड़फोड़
12. मंदिर ध्वंस होना या धर्म गुरूओं को परेशानी भी हो सकती है.
फरवरी-मार्च
28 और 29 February को सरकार कोई खास निर्णय ले सकती है जो जनता विरोधी हो. कोई बड़ा व्यापारी कठिनाई में आ सकता है. सरकार के घोटाले उजागर हो सकते हैं. EVM घोटाले में नयी जानकारी सामने आ सकती है.
8 मार्च को ग्रह युद्ध और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन रही है. रेल दुर्घटना, आगजनी या आतंकवाद की घटना के भी योग बन रहे हैं. मंदिर ध्वंस होना या धर्म गुरूओं को परेशानी भी हो सकती है.
14 फरवरी 24 को धूमकेतु C/2021 S3 (PANSTARRS)
पेरीहेलियन (सूर्य के सबसे नजदीक): 14 फरवरी, 2024 ज्येष्ठा नक्षत्र में एंटारेस (युद्ध का तारा) के करीब।
यह कूर्म चक्र में गुजरात और राजस्थान, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, मैक्सिको और उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी के भाग को इंगित करता है. इन स्थानों में 14 फरवरी के आसपास कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
पृथ्वी के निकटतम : 14 मार्च, 2024 श्रवण नक्षत्र में जो कूर्म चक्र में जम्मू कश्मीर, पंजाब, कनाडा और उत्तरी अमेरिका के भाग को इंगित करता है। इन स्थानों में 14 मार्च के आसपास कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता इंद्र देव हैं। इसका मुख्य तारा ANTARES है जिसे अल्फा स्कॉर्पियो भी कहा जाता है। अंतरा वृश्चिक राशि क्षेत्र में अलग-अलग ऊंचाई वाला सबसे चमकीला सफेद-लाल तारा है। एंटारेस एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है “मंगल का प्रतिद्वंद्वी”। यह युद्ध का यूनानी देवता है। अन्ता – का अर्थ है शत्रु और एरेस का अर्थ है मंगल।
अंतरे (Antares) को कई ग्रंथों और विद्वानों ने इंद्र देव भी कहा है।
इससे दुनिया भर में बाढ़ और सुनामी जैसी जल संबंधी त्रासदियां हो सकती हैं।
24-25 मार्च 2024 को कन्या राशि में हस्त नक्षत्र में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.
ये ग्रहण यूरोप का अधिकांश भाग, उत्तर/पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश भाग, अफ्रीका का अधिकांश भाग, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक क्षेत्र और अंटार्कटिका में दिखेगा।
अप्रैल – मई:
5 अप्रैल को किसी राजनेता की जान पर हमला हो सकता है.
10 -11 अप्रैल को युद्ध और भूकंप की संभावना बन रही है. उत्तर भारत, रूस और यूरोप इससे प्रभावित होंगे.
18 – 19 मई को कोई भूकंप या आतंकवादी घटना हो सकती है. रूस, यूरोप, उत्तरी पूर्वी भारत और उत्तराखंड प्रभावित क्षेत्र होंगे.
8 अप्रैल 2024 को मीन राशि में रेवती नक्षत्र में पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. ये ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा.
ये ग्रहण पश्चिम यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका का उत्तर भाग, प्रशांत महासागर , अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर में दिखेगा.
8 अप्रैल को मेष राशि में रेवती नक्षत्र में सूर्य ग्रहण लग रहा है.
मलिका में लिखा है कि चैत्र शुक्ल पक्ष दशमी को, जब गुरुवार होगा, भरत पर आक्रमण किया जायेगा। यह योग रामनवमी के अगले दिन यानी 18 अप्रैल 2024 को श्री राम की जन्मतिथि पर बन रहा है। एक धूमकेतु 12पी/पॉन्स-ब्रूक्स भी है जो 21 अप्रैल 2024 को सूर्य के सबसे निकट पहुँचता है।
शनि और मंगल कुम्भ राशि में निकट अंश पर युति करेंगे। इस शनि मंगल अंगारक योग से चंद्रमा पीड़ित होगा। साथ ही भारत की कुंडली का लग्नेश शुक्र, राहु के साथ युति करेगा और राहु से केवल 2 डिग्री दूर होगा। यह भारत की सुरक्षा के लिए कमजोर स्थिति को दर्शा रहा है. यह किसी प्राकृतिक आपदा या आतंकवाद का भी योग बना रहा है। इससे महिलाओं को भी परेशानी हो रही है। इसलिए अप्रैल 2024 भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
ग्रहण में सूर्य के पीड़ित होने से राजनेता जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति पर हत्या का प्रयास, धार्मिक स्थानों या सरकारी स्थानों पर आतंकवाद, युद्ध का प्रकोप, प्राकृतिक आपदा का पता चलता है।
शनि और मंगल कुम्भ राशि में निकट अंश पर युति करेंगे। इस शनि मंगल अंगारक योग से चंद्रमा पीड़ित होगा। शुक्र राहु के साथ युति करेगा और राहु से केवल 2 डिग्री दूर होगा। यह भारत की सुरक्षा के लिए कमजोर स्थिति को दर्शा रहा है. यह किसी प्राकृतिक आपदा या आतंकवाद का भी योग बना रहा है। शुक्र की पीड़ा महिलाओं के लिए परेशानी दर्शा रही है।
संभावित स्थान हैं चीन, रूस, भारत का उत्तर-पूर्वी भाग, उत्तराखंड और हिमालय क्षेत्र। इसलिए अप्रैल 2024 दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सम्भावित स्थान और तारीख इस लेख में दी गई हैं. जहाँ तक हो सके, इन स्थानों पर ना जाएं। सतर्क रहें और सावधानी बरतें 🙏
अपने इष्ट देव, कुल देवता, श्री राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा, श्री विष्णुसहस्रनाम, हरे कृष्ण महामंत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहें और श्रीमद्भगवद पुराण और श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करें।
हरि हर सबकी रक्षा करें ॐ नमः शिवाय