संदीप देव। यह भाजपा की बंगाल से सांसद लॉकेट चटर्जी हैं। रो रही हैं। कह रही हैं कि मणिपुर की बेटी के लिए तो प्रधानमंत्री ने बोला, लेकिन बंगाल की बेटी कहां जाएगी? उसके लिए भी बोलिए!
अभी बंगाल पंचायत चुनाव में भाजपा की महिला उम्मीदवार का TMC के गुंडों ने जो शोषण किया, उस पर बोलिए!
आपको याद हो कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद वहां 7000 महिलाओं का यौन शोषण हुआ, उन पर हमले हुए प्रधानमंत्री फिर भी चुप रहे! वो सारी हिंदू महिलाएं प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी का समर्थन करने के कारण यौन हमले का शिकार हुई थी, लेकिन प्रधानमंत्री या उनकी सरकार ने मौन व्रत धारण का जैसे प्रण ले रखा था!
मणिपुर में 200 से अधिक मैतेई हिंदुओं की बेटियों के साथ दुष्कर्म व यौन उत्पीडन की खबर आई, पूरा का पूरा मैतेई गांव
जला दिया गया। महिलाएं, बच्चों और पुरुषों की अध जली लाशों का वीडियो वायरल हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।
वहीं जब दो कूकी क्रिश्चियन बेटियों के साथ बुरा हुआ तो प्रधानमंत्री बोले, वह भी सुप्रीम कोर्ट की फटकार और यूरोप-अमेरिका की क्रिश्चियन मीडिया और चर्च को खुश करने के लिए।
इसी तरह प्रधानमंत्री किसी कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या या पालघर के संतों की हत्या पर नहीं बोले, लेकिन अखलाक, पहलूखान की हत्या पर उन्हें क्रोध आया और शबाना आजमी के पैर के मोच लिए वह बेचैन हो उठे!
यह जो भाजपा की सांसद आज रो रही है, वह अपने ही प्रधानमंत्री के दोहरे चरित्र पर रो रही है।
प्रधानमंत्री की आवाज अब्राहमिकों के लिए निकलता है, हिंदू जब विवशता में प्रतिरोध करने के लिए निकलता है, तब उनकी आवाज और उनकी पुलिस उसके विरुद्ध निकलती है।
ऐसा विभाजनकारी प्रधानमंत्री देश को न अतीत में मिला था, न ही भविष्य में मिलेगा, जो रोता या बोलता भी है तो ‘इंटरनेशनल न्यूज’ बनाने के लिए, न कि अपने कार्यकर्ताओं, मतदाताओं या समर्थकों के लिए!