कानपुर के रोटोमैक ग्रुप द्वारा मनी लांड्रिंग के जरिये जुटाई गई अपराध की कमाई पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की है। ED ने रोटोमैक द्वारा 3,695 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी मामले में 177 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की है। ED की तरफ से कहा गया कि उसने कालाधन शोधन रोधक कानून (PMLA) के तहत रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. और उसके निदेशकों की कानपुर, देहरादून, अहमदाबाद, गांधीनगर और मुंबई की संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया है।
ईडी का आरोप है कि समूह की ये संपत्तियां money laundering के जरिये जुटाई गई अपराध की कमाई है। ईडी की जांच में यह सामने आया कि रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि ने सीमित संख्या के क्रेता और विक्रेताओं के साथ व्यापार किया और उसे विदेश में लाभार्थी से रियायती ऋणपत्र (एलसी) प्राप्त हुए। उन लाभार्थियों ने इस राशि में से डेढ़ से दो प्रतिशत का कमीशन सीधे रोटोमैक समूह की कंपनियों के खातों या विक्रम कोठारी के नियंत्रण वाली विदेशों में स्थित कंपनियों के खातों में डाला गया।
इस रियायती एलसी राशि का इस्तेमाल कंपनी द्वारा अन्य व्यापारिक गतिविधियों-एफडीआर, लौह अयस्क की खरीद और रीयल एस्टेट में निवेश के लिए किया गया। ईडी ने कहा कि इस बैंक धोखाधड़ी के लिए आरोपी ने वस्तुओं के व्यापार के नाम पर मनी को इधर उधर किया।
गौरतलब है कि ED ने CBI की प्राथमिकी के आधार पर इस मामले में फरवरी में PMLA के तहत आपराधिक मामला दायर किया गया था। ED-CBI ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर कंपनी के निदेशक एवं मालिक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, पुत्र राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बैंक का आरोप है कि इन लोगों ने बैंकों के गठजोड़ के साथ 3,695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
URL: rotomac bank fraud case ed attaches rs 177 crore assets in money laundering
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