सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी पर मुकदमा चलना चाहिए। उन्हें निचली अदालत में ट्रायल का सामना करना होगा। अदालत ने कहा कि आप पूरे संगठन(#RSS) को बदनाम नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के वकील उन पर दर्ज RSS की ओर से मुकदमा रद्द करवाने पहुंचे थे, जिस पर अदालत ने राहुल को राहत देने से इनकार कर दिया। दरअसल राहुल गांधी ने RSS को महात्मा गांधी का हत्यारा बताया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा संघ के कुछ कार्यकर्ताओं ने कराया था!
ज्ञात हो कि दो-दो अदालतों और जांच रिपोर्टों ने गांधीजी की हत्या में साफ कहा है कि इससे RSS का कोई लेनादेना नहीं था। लेकिन कार्य से RSS का मुकाबला नहीं करने वाले नेता-पत्रकार-वामपंथी बुद्धिजीवि झूठे प्रोपोगंडा के तहत इसे बदनाम करना चाहते हैं! लेकिन कहा जाता है न कि झूठ के पैर नहीं होते, वही इस मामले में देखने को मिला है।
वास्तव में राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने झूठ के बल पर अपनी राजनीति शुरू की है! इसलिए ऐसे नेताओं को अदालत में घसीटना बहुत जरूरी है, अन्यथा इनका आज का झूठ, कल का सच बन जाएगा! भाजपा-संघ को इनके हर झूठ का पर्दाफाश अदालती इसी तरीके से करना चाहिए। झूठ के बल पर चलने वाली राजनीति और इसे चलाने वाले राजनेता आखिर समाज को सकारात्मक दिशा में राह कैसे ले जा सकते हैं?