Archana Kumari. महाराष्ट्र में सियासी हलचल काफी तेज है और राजनीतिक उठापटक की संभावना प्रबल दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि कारोबारी मुकेश अंबानी के घर पर विस्फोटक लदी कार पहुंचाने वाली टीम का हिस्सा बने सचिन वझे का इस मामले में सिर्फ कंधे का इस्तेमाल किया गया है जबकि कंधे पर बंदूक रखकर निशाना लगाने वाला कोई और है। जिस तरह से शिवसेना खुलकर सचिन के बचाव में आ गई है, उससे तो यही लगता है कि शिवसेना इस पुलिसकर्मी को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया।
Sandeep Deo Video on this issues
इस मामले को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक बैठकों का दौर लगातार जारी है और आने वाले समय में नए राजनीतिक समीकरण बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों के साथ साथ अब महाराष्ट्र सरकार भी तनाव में आ चुकी है, खासकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को पसीना आ रहा है।
मास्क लगाकर मुकेश अंबानी के घर एंटालिया के आगे बम प्लांट करने वाले शख्स का CCTV फुटेज।
सोमवार को एनसीपी के मुखिया और महाविकास अघाड़ी सरकार के संयोजक शरद पवार और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच लंबी बैठक हुई और माना जा रहा है कि शरद पवार अगले एक-दो दिन में नए फैसले ले सकते हैं । इस बैठक के बाद शरद पवार ने एनसीपी के सभी मंत्रियों के साथ मीटिंग की और इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात किया।
इतना ही नहीं इस मामले में मुंबई पुलिस की गिरती साख पर मरहम की तलाश में निकले कई पुलिस अधिकारी भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की । इन मुलाकातों को लेकर भाजपा केे नेता राम कदम ने पूछा है कि अंबानी जैसे कारोबारी से जल्द ही होनेवाले बीएमसी चुनाव के लिए डराकर धन जुटाना मकसद था ?। हमारा सवाल है शिवसेना तथा उनके साथी वजे की खुलकर वकालत करते हुए उसका बचाव क्यों कर रहे है ? क्या संगीन आरोप वाले शख्स को बचाना उचित है ? और क्या महाराष्ट्र की सरकार चुनाव का चंदा ? या वसूली ? इस दिशा की और जांच करने की हिम्मत जुटाएगी ? ।
इससे संबंधित अन्य समाचार…
सचिन वझे के कब्जे से मर्सिडीज कार, पौने 6 लाख नगदी, लैपटॉप, मोबाइल फोन तथा कपड़े बरामद !
बहुत से लोग नहीं चाहेंगे कि सचिन वझे के कारण पूरी टीम ही पकड़ में आ जाए
BMC चुनाव के लिए डरा कर धन लेने के लिए तो नहीं किया गया मुकेश अंबानी को टारगेट!
अपने ही जाल में फंस गई मुंबई पुलिस!
राम कदम ने यह सवाल उठाया है करोडों लोगों को रोजगार देते हुए देश की अर्थव्यवस्था में मह्त्वपूर्ण हिस्सा साझा करने वाले उद्योगपती मुकेश अंबानी के निवास के बाहर विस्फोटक क्या एक साधारण API जैसा अफसर इतना बड़ा षड्यंत्र क्या अकेला इंसान कर सकता है ? इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए। उधर, मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरी कार मिलने के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस अफसर सचिन वझे को सस्पेंड कर दिया और आशंका है कि पीपीई किट पहनकर सचिन मौके पर गए थे ।
महाराष्ट्र सरकार ने उसी व्यक्ति को सौंप दी, जिस पर मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो पहुंचाए थे!
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हैरानी जताई है कि इस महत्वपूर्ण मामले की जांच महाराष्ट्र सरकार ने उसी व्यक्ति को सौंप दी, जिस पर मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो पहुंचाए थे । इतना ही नहीं मनसुख हत्या मामले की जांच मे भी सहयोग कर रहा था जबकि खुलासा हुआ है कि इस शातिर पुलिसकर्मी ने अपने खिलाफ सबूत नष्ट करनेेे के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा था ।
स्कॉर्पियो कार चुराई नहीं गई थी बल्कि यह वझे की हाउसिंग सोसायटी में ही खड़ी थी।
एनआईए ने खुलासा किया है कि स्कॉर्पियो कार चुराई नहीं गई थी बल्कि यह वझे की हाउसिंग सोसायटी में ही खड़ी थी। सबूत गायब करने के लिए सचिन वझे की टीम ने ठाणे के साकेत कॉम्प्लेक्स में लगे सीसीटीवी कैमरों का DVR अपने कब्जे में ले लिया था। लेकिन एनआईए की टीम ने उस DVR को फिर से हासिल कर लिया ।
एनआईए ने वझे के नेतृत्व में काम करनेवाले दो अधिकारियों CIU के API रियाजुद्दीन काजी और एक PSI के अलावा दो ड्राइवरों के बयान दर्ज किए। इस केस में एनआईए कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है। CIU की जो टीम वझे की सोसायटी में DVR लेने पहुंची थी उसमें काजी भी शामिल थे। एनआईए का कहना है कि सचिन वाज़े के साथ रियाज काज़ी भी इस साज़िश में शामिल है और आशंका है कि रियाज़ काजी ही वो शख्स है, जिसने मुकेश अंबानी के सुरक्षा काफिले में शामिल गाड़ियों के फर्ज़ी नंबर प्लेट बनवाए जबकि स्कॉर्पियो से ऐसे कई फर्ज़ी नंबर प्लेट बरामद हुए थे।
शक है कि रियाज़ काज़ी ने ये फर्ज़ी नंबर प्लेट विक्रोली इलाक़े में बनवाए थे। फुटेज की जांच में यह सामने आया है कि मनसुख की स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी। बल्कि, यह स्कॉर्पियो 18 से 24 फरवरी के बीच कई बार सचिन वझे की सोसाइटी में नजर आई थी। हिरेन ने अपने बयान में कहा था कि 17 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली रोड से उनकी स्कॉर्पियो गायब हुई थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी यह साबित करती है कि कार में कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई थी। इसे चाभी से खोला गया था। एनआईए ने सफाई दी है कि वझे को शनिवार सुबह 11 बजे मामले के पूर्व जांच अधिकारी के तौर पर बुलाया गया था, आरोपी के रूप में नहीं। वझे 11:30 पर वहां आए लेकिन बातचीत के दौरान पता चला कि केस डायरी, मेमो वगैरह में कुछ गड़बड़ियां हैं।
सचिन का पूरी वारदात में हाथ है
इसके अलावा वझे सवालों के सही जवाब भी नहीं दे रहे थे, पूछताछ में भी खुलासा हो गया कि सचिन का पूरी वारदात में हाथ है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में वझे ने माना है कि स्कॉर्पियो मामले में उनकी भूमिका थी लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया वह नहीं बताया। वझे नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान गए थे और वहां कस्टमरों से जुड़े सभी डिजिटल सबूत अपने साथ ले गए। यह स्कॉर्पियो 18 से 24 फरवरी के बीच कई बार सचिन वझे की सोसाइटी में नजर आई थी।
वझे एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं तथा अभी इसमें और भी कई लोग शामिल हैं।
बताया जाता है कि स्कॉर्पियो पर स्कूटर की नंबर प्लेट लगी थी, और यह दुकान हिरेन की कार एसेसरीज शॉप के सामने स्थित है। एनआईए ने अपनी रिमांड एप्लिकेशन में दावा किया है कि वझे एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं तथा अभी इसमें और भी कई लोग शामिल हैं। खुलासा हुआ है कि 17 फरवरी को जो स्कार्पियो गाड़ी मनसुख हिरेन ने ईस्टर्न एक्सप्रेस हाई वे के ऐरोली मुलुंड पॉइंट पर छोड़ी वो खराब नही थी जबकि कार खराब होने का ड्रामा करवाया गया और उस गाड़ी की मिसिंग कंप्लेंट विकरोली पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई।
ये गाड़ी एक अनजान शख्स आकर ठाणे सचिन के अपार्टमेंट लेकर चला गया और ये कार अपार्टमेंट के एक गैरेज में रही और फिर 25 फरवरी की रात को एंटीलिया लाकर पार्क कर दी गई और इस स्कॉर्पियो के अंदर जिलेटिन की 21 छड़े भी गैरेज में ही रखी गई।
सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या इनोवा गाड़ी में जो शक्श ड्राइविंग कर रहा था और जिसने स्कॉर्पियो गाड़ी के पीपीई किट पहने ड्राइवर को भगवाने में मदद की वो मन्सूख़ हिरेन था क्योंकि वझे बार बार मन्सूख़ को सारा अपराध कबूल करने,अपने सर लेने और बाद में जमानत पर छुड़वाने की बात कह रहा था, ये बात मन्सूख ने अपनी पत्नी विमला को बताई थी । क्या मन्सूख़ इस केस का राजदार था। संभव है कि बहुत जल्द इन चेहरों के पीछे से नकाब जल्द हट जाएगा और इसमें कुछ चेहरे चौंकाने वाले हो सकते हैं।
इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
- 25 फरवरी: मुकेश अंबानी के घर से कुछ दूरी पर खड़ी सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो कार से 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुई। लावारिस गाड़ी में विस्फोटक मिलने की खबर मिलते ही मुंबई पुलिस के बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड ने पड़ताल शुरू की। उसी रात ATS को पता चला कि गाड़ी मनसुख हिरेन की है जो 18 फरवरी को चोरी हो गई थी।
- 26 फरवरी: हिरेन को पूछताछ के लिए API सचिन वझे दक्षिण मुंबई में पुलिस कमिश्नर के ऑफिस लेकर आया।
- 27-28 फरवरी: सचिन वझे ने दोबारा हिरेन का बयान दर्ज किया।
- 28 मार्च: आतंकी संगठन ‘जैश उल हिंद’ ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए धमकी भरा संदेश दिया है। संगठन ने टेलीग्राम एप के जरिए इस घटना की जिम्मेदारी ली।
- 1 मार्च: क्राइम ब्रांच को पता चला कि हिरेन और वझे एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। इसके बाद केस असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) नितिन अल्कानुर को ट्रांसफर कर दिया गया।
- 3 मार्च: मनसुख हिरेन ने पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की।
- 5 मार्च: मनसुख हिरेन का शव मिला। शुरुआत में सुसाइड की बात कही। लेकिन समय बीतने के साथ ही उनकी मौत पर रहस्य गहराने लगे।
- 6 मार्च: देवेंद्र फडणवीस द्वारा वझे की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद केस ATS को सौंप दिया गया।
- 7 मार्च: ATS ने हत्या, सबूत नष्ट करने, अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश का मामला दर्ज किया।
- 8 मार्च: MHA के आदेशों के बाद, NIA ने ATS से मामले को टेकओवर किया।
- 9 मार्च: देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में हिरेन की पत्नी विमला का बयान पढ़ा।
- 11 मार्च: एक निजी साइबर फर्म ने बताया कि जैश ने जो संदेश भेजा था उसका टेलीग्राम चैनल दिल्ली के तिहाड़ जेल या इसके आसपास क्रिएट किया गया था। जेल में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी के बैरक से मोबाइल बरामद किया गया।
- 12 मार्च: वझे का तबादला मुंबई पुलिस के नागरिक सुविधा केंद्र में कर दिया गया।
- 12 मार्च: हिरेन की हत्या के मामले में प्रथम दृष्टया सबूत के आधार पर ठाणे की अदालत द्वारा वझे को अंतरिम जमानत से इनकार कर दिया गया।
- 13 मार्च: वझे को रात 11.50 बजे NIA कार्यालय लाया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
- 14 मार्च: वझे को 25 मार्च तक NIA की हिरासत में भेज दिया गया।
- 15 मार्च: सचिन वझे को सस्पेंड कर दिया गया।