कोरोना महामारी के चलते भले ही लाल किले पर इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह अलग अंदाज में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया जाएगा। लेकिन सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
सूत्रों ने दावा किया कि कोरोना महामारी और आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए इस बार नई गाइडलाइन के तहत सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एहतिहात के तौर विभिन्न रैंक के कई पुलिसकर्मियों को क्वारेंटाइन करके रखा गया है ताकि वह अपने ड्यूटी स्वस्थ होकर बखूबी निभा सके।
जिन कर्मियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भीतरी घेरे में ड्यूटी लगाई गई है ,उन्हें पहले से ही सुरक्षित अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है।
ऐसे पुलिसकर्मियों को सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए हर संभव खास उपाय करने को कहा गया है, खासकर कोरोना महामारी से बचने के लिए तमाम उपाय किए जाने पर जोड़ दिया गया है ।
इसमें सैनिटाइजेशन से लेकर एक दूसरे से मिलने पर रोक आदि शामिल है। वैसे जवान या पुलिसकर्मी जो सलामी परेड गार्ड ऑफ ऑनर देने में शामिल होंगे, उन लोगों के लिए तो और भी खास व्यवस्था की गई है । ऐसे जवानों को पुलिस कॉलोनी के भीतर अलग-अलग कमरों में रखा गया है। ऐसे पुलिसकर्मियों को किसी से भी संपर्क में रहने से मना किया गया है, खासकर इन्हें फिजिकल कॉन्टैक्ट रखने से साफ मना किया गया है। जहां यह पुलिसकर्मी रह रहे हैं, वहां पर रोजाना इनका बॉडी टेंपरेचर देखा जाता है और साथ ही कोरोनावायरस बीमारी के अन्य लक्षणों आदि की भी जांच की जा रही है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह सभी वैसे कर्मी है, जो स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के भीतरी घेरे में मौजूद होंगे और सलामी परेड में शामिल होने वाले है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे पास हर व्यक्ति के लिए बैकअप है। हमें डीसीपी रैंक के केवल दो परेड कमांडरों की आवश्यकता है, लेकिन ऐसे चार अधिकारी क्वारंटीन में रखे गए हैं। इसके साथ ही कई अन्य कर्मियों को भी क्वारंटीन में रखा गया हैं।
सूत्रों ने दावा किया इस बार भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुरक्षा घेरा बहुस्तरीय होगा। प्रधानमंत्री मोदी पर खतरे को देखते हुए इस बार सुरक्षा और भी कड़ी होगी।
मुख्य समारोह स्थल लाल किला से परेड मार्ग के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं जबकि सुरक्षा के तौर पर करीब 10000 जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। इस काम में स्थानीय पुलिस, पीसीआर, यातायात, स्वात कमांडो ,राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड , सेना और एसपीजी कमांडो लगाया गया है और सभी कर्मियों को पोजीशन 14 अगस्त की रात में दे दी जाएगी।
प्रत्येक आम तथा खास पर नजर रखने के लिए जहां सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम अंतिम चरण में है वही मचान तथा बंकर बनाकर इसके अलावा जगह-जगह ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। लालकिले के प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे उस समय आसमान से भी निगरानी रखी जाएगी।
सूत्रों ने दावा किया कि ड्रोन के जरिए आतंकी हमला होने की आशंका के बीच दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने पहले से ही ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है और जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि ड्रोन के साथ साथ पैरा ग्लाइडर, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट पर भी पूर्णत पाबंदी रहेगी।
इस बारे में नियम तोड़ने पर दिल्ली में धारा 144 का उल्लंघन माना जाएगा और आईपीसी की धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने सभी जिला डीसीपी को हिदायत दी है कि 15 अगस्त तक किसी भी सूरत में उनके जिले में कोई भी एयर आर्टिकल या ड्रोन नहीं उड़ना चाहिए।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कुछ आपराधिक, असामाजिक तत्व या आतंकवादी भारत के लिए असंगत, पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर्स जैसे हवाई प्लेटफार्मों का उपयोग करके आम जनता, गणमान्य लोगों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इस वजह से प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि खुफिया ब्यूरो द्वारा मिले इनपुट में कहा गया है हमले के लिए हैंग-ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के पावर्ड एयरक्राफ्ट, क्वाडकॉप्टर या यहां तक कि एयरक्राफ्ट से पैरा जंपिंग आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह की सफल आयोजन के लिए पुलिस में तैनात एक-एक कर्मियों को अलर्ट पर रहते हुए सभी प्रमुख बाजारों, भीड़भाड़ वाले स्थलों, धार्मिक संस्थानों, संवेदनशील इलाकों, एयरपोर्ट, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर चौकसी बढ़ाए जाने के साथ ही गश्त तथा चेकिंग करते रहने को कहा गया है।