अर्चना कुमारी। इजराइल के दक्षिणी हिस्सों पर हमास के हमले के बाद गाजा में यहूदी देश द्वारा युद्ध छेड़ने के मद्देनजर केरल पुलिस ने यहां के पास मट्टनचेरी में स्थित ऐतिहासिक ‘परदेसी सिनेगॉग’ के आसपास सुरक्षा बढा दी है। दिल्ली में भी इजरायली स्थल खाबाद हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहूदी धर्मावलंबियों के प्रार्थना स्थल को सिनेगॉग कहते हैं।
‘केरल में परदेसी सिनेगॉग’ 450 साल से अधिक पुराना है। इसके अलावा यह राष्ट्रमंडल देशों के सबसे पुराने और ऐसे सिनेगॉग में से एक है जहां अब भी यहूदी प्रार्थना के लिए जाते हैं। इस प्रार्थना स्थल के प्रतीकात्मक महत्व और क्षेत्र में यहूदी समुदाय के दो सदस्यों की उपस्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया।
इस बीच, ‘केरल हस्तशिल्प डीलर्स’ और ‘मैन्युफैक्चर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ ने भी मट्टनचेरी में सुरक्षा बढाने की मांग करते हुए पुलिस से संपर्क किया था। इस प्राचीन प्रार्थना स्थल की सुरक्षा में तैनात गार्ड की संख्या ‘एहतियाती उपाय’ के रूप में बढा दी गई है। वर्तमान में, यहूदी समुदाय के केवल दो सदस्य मट्टनचेरी में रहते हैं, जिसे केरल में यहूदी शहर के रूप में जाना जाता है।
वर्ष 1567 में निर्मित यह सिनेगॉग तत्कालीन कोचीन साम्राज्य के दौरान यहूदी समुदाय के सात धार्मिक स्थलों में से एक था। कोचीन का यहूदी समुदाय केरल का एक समृद्ध व्यापारिक समुदाय था और मसाला व्यापार के एक बड़े हिस्से पर उनका नियंतण था। वर्ष 1948 में इजराइल के रूप में एक अलग यहूदी देश बनने के बाद यहां के लगभग सभी यहूदी बसने के लिए वहां चले गए थे। दिल्ली में भी अच्छी खासा संख्या में मौजूद इजराइल के लोग वापस देश चले गए है लेकिन बाकी लोगो की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।