अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने आरोप लगाया था कि रूस और उसके राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका के चुनाव को प्रभावित किया। रूस की मदद के कारण ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बन पाए हैं! अब ऐसा ही आरोप भारत में भी लग रहा है। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी जब से रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मिलकर आयी है, राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा कि कांग्रेस 2019 के चुनाव में जीत के लिए रूस की मदद मांगने गयी थी? हाल ही में डॉ. सुब्रहमनियन स्वामी के तीन ट्वीट ने इसे लेकर और अधिक हलचल मचा दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अप्रैल 2018 में मास्को गयी थी। वह मास्को में लगी अपनी सास और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में लगाए गये एक फोटो प्रदर्शनी-इंदिरा लाइट एंड शैडोज का उद्घाटन करने गयी थी। हाल के दिनों में सोनिया गांधी की यह पहली रूस यात्रा थी। इस प्रदर्शनी का आयोजन भारत में स्थित रूसी दूतावास, रूसी फेडरल अर्काइव एजेंसी एवं इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट ने मिलकर किया था। इंदिरा गांधी का रूस के साथ बेहद मजबूत संबंध था और मित्रोखिन अर्काइव के मुताबिक उस समय इंदिरा गांधी की पूरी सरकार को ही सोवियत संघ की जासूसी संस्था केजीबी फंड करती थी और पूरी सरकार रूस के हाथों बिकने को तैयार बैठी थी।
वैसे तो अकसर सोनिया गांधी अपने तथाकथित गुप्त बीमारी का इलाज कराने विदेश जाती हैं, लेकिन चर्चा के मुताबिक वह हमेशा अमेरिका जाती हैं। लेकिन इस बार वह रूस गयी थीं। सोनिया गांधी ने अपनी यात्रा में भारत-रूस संबंध से अधिक गांधी परिवार-रूस संबंध पर ज्यादा जोर देती रहीं। उन्होंने वहां कहा था कि रूस और भारत का संबंध केवल इंदिरा के कारण ही प्रगाढ़ हुआ था। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि 1927 में मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की प्रथम मास्को यात्रा के साथ ही सोवियत संघ और गांधी परिवार का संबंध घनिष्ठ हो गया था। सोनिया गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी 1953 में रूस में आयी थी। ‘पुत्री के नाम पिता के पत्र’ से पता चलता है कि रूस के लोग इंदिरा गांधी के प्रति कितने उत्सुक थे। कांग्रेस पार्टी ने भी अपने प्रेस रिलीज में कहा था कि पंडित नेहरूजी को ‘सोवियत रशिया’ जैसी पुस्तक लिखने की प्रेरणा रूसी यात्रा के दौरान ही मिली।
सोनिया गांधी ने भारत के औद्योगीकरण से लेकर बंग्लादेश युद्ध में जीत तक का श्रेय रशिया को देते हुए कहा कि स्टील प्लांट, रिफाइनरी, इंजीनियरिंग, पावर स्टेशन, खाद के कारखाने, आईआईटी, मुंबई आदि सब रूस की सहायता से भारत को मिला। उन्होंने इंदिरा गांधी और रूसी नेताओं की कैमेस्ट्री पर भरपूर चर्चा की थी।
इसके बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को इंदिरा गांधी के समय रूसी संबंध की याद दिलाते हुए गांधी परिवार की रूस के प्रति निष्ठा का एक तरह से भरोसा दिलाया है। इसी से कयास लगाए जाने लगे थे कि सोनिया गांधी रूस और गांधी परिवार की दोस्ती के बहाने पुतिन से 2019 के आम चुनाव की चर्चा करने मास्को गयी थी। हालांकि इस बारे में कांग्रेस और रूस दोनों चुप हैं। लेकिन राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता डॉ सुब्रहमनियन स्वामी ने हाल ही में 2019 चुनाव को लेकर दो ट्वीट किए हैं। डॉ. सुब्रहमनियन स्वामी ने वैसे अपने ट्वीट में नाम तो किसी का नहीं लिया है, लेकिन उनके संकेत से स्पष्ट है कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में रूसी हस्तक्षेप को लेकर कुछ न कुछ खिचड़ी पक तो जरूर रहा है। यही नहीं, संसद में अविश्वास प्रस्ताव के समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर भी डॉ स्वामी ने रूस का नाम लिया है।
डॉ स्वामी ने अपने ट्वीट में चूंकि संकेतों में लिखा है, इसलिए हम चाहते हैं कि उन संकेतों को पाठक खुद ही समझें कि डॉ. स्वामी ने अपने ट्वीट में टीडीके किसके लिए लिखा है?
Will TDK make public the transcript of her recent conversation in Moscow on 2019 Indian elections with Russian President Putin?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 18, 2018
Earlier TDK was taken by Putin to Vladimir town near St Petersburg to show her where in 1942 her father was kept as a Nazi Germany soldier taken as prisoner during WWII. Her father by 1945 was recruited by KGB and freed. KGB ensured Indiradid not block Rajiv’s marriage to her
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 18, 2018
Why is TDK so scared of my tweets? Because my followers are PTs in millions and who are young and educated. When PTs tweet or retweet, the volume of response shakes the earth so rats have to run for cover
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 21, 2018
वैसे पूर्व में रॉ अधिकारी मलयकृष्ण धर और कांग्रेस नेता नटवर सिंह ने भी सोनिया गांधी का रूस के साथ निकट संबंध की चर्चा अपनी-अपनी पुस्तकों में की है। दिसंबर 2014 में यानी मोदी सरकार आने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन जब भारत आए थे, उस वक्त भी उनकी सोनिया गांधी के साथ विशेष मुलाकात हुई थी। अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप को देखते हुए कुछ भी कह पाना मुश्किल है। वैसे भी सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी की चीनी राजदूत के साथ गुप्त बैठक और पाकिस्तानी नेताओं के साथ कांग्रेसी नेताओं की बैठक से देश की जनता अवगत हो ही चुकी है। यही नहीं, 20 जुलाई 2018 को संसद के अंदर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत-फ्रांस के बीच रफेल समझौते को लेकर फ्रांसिसी राष्ट्रपति के नाम पर झूठ बोला उससे अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के जरिए चीन, रूस आदि भारत सरकार के नये मित्र बने कुछ देशों को टारगेट करने की योजना पर काम कर रहे हैं!
Namo should not have allowed Buddhu to hug him. Russians and North Koreans use the embrace technique to stick a poised needle. I think Namo should immediately go for a medical check to see if he has any microscopic puncture like Sunanda had on her hand
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 21, 2018
URL: Sonia Ghandi meeting with Russian President Vladimir Putin
Keywords: Russian President Vladimir Putin, Sonia Ghandi, Congress Party, Sonia Ghandi meeting with Russian President Vladimir Putin by thanking to different circumstances