आईएसडी नेटवर्क। सन 2022 का वर्ष हमें छोड़कर जा रहा है। ये साल भारतीय फिल्मों के लिए औसत रहा। दक्षिण भारतीय फिल्मों ने सफलता के नए रिकॉर्ड बनाए लेकिन हिन्दी फिल्मों को इस वर्ष आशानुरुप सफलता नहीं मिली। राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ वर्ष के बहुत समय तक शीर्ष पर बनी रही। बाद में ‘केजीएफ चैप्टर 2‘ ने इसे पछाड़ कर नंबर वन का खिताब हासिल कर लिया। कोविड के कहर के बाद फिल्म इंडस्ट्री तो ट्रेक पर लौटी लेकिन बॉलीवुड अपनी स्थिति नहीं सुधार सका। प्रस्तुत है वर्ष 2022 में प्रदर्शित हुई फिल्मों का लेखाजोखा।
सन 2022 में हिन्दी पट्टी में लगभग 206 फ़िल्में रिलीज हुई। इनमे अधिकांश हिन्दी भाषा की थी। इनमे से कुछ दक्षिण भारतीय फ़िल्में हिन्दी डब होकर रिलीज हुई थी। जनवरी 2022 का महीना खाली रहा। इसमें बॉलीवुड की कोई फिल्म हिट नहीं हुई। फरवरी में ‘बधाई दो’ औसत रही। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ भी औसत सफलता हासिल कर सकी। दीपिका पादुकोण की ‘गहराइयाँ’ फ्लॉप रही।
मार्च माह में अमिताभ बच्चन की बड़ी फिल्म ‘झुण्ड’ बुरी तरह पिटी। मार्च में ही प्रभास की बिग बजट ‘राधे-श्याम’ फ्लॉप रही लेकिन विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ ब्लॉकबस्टर रही। मार्च में राजामौली की ‘आरआरआर’ रिलीज हुई, जो बहुत बड़ी हिट साबित हुई। इसी माह अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे’ बड़ी फ्लॉप रही। अप्रैल में जॉन अब्राहम की ‘अटैक’ फ्लॉप रही।
अभिषेक बच्चन की ‘दसवीं’ को औसत सफलता मिली। नुसरत भरुचा की ‘हुड़दंग’, शाहिद कपूर की ‘जर्सी’, अमिताभ बच्चन और अजय देवगन की ‘रनवे’, टाइगर श्रॉफ की ‘हीरोपंती 2’ फ्लॉप हो गई। अप्रैल में ही सुपरस्टार यश की ‘केजीएफ चैप्टर 2’ रिलीज हुई। चैप्टर 2 औसतन कमज़ोर फिल्म होते हुए भी यश के करिश्मे से ऐसी दौड़ी कि नेट कलेक्शन में राजामौली की ‘आरआरआर’ को भी पीछे छोड़ दिया।
मई के महीने में रणवीर सिंह की ‘जयेशभाई ज़ोरदार’ बुरी तरह फ्लॉप हुई। लव जिहाद पर बनी ‘द कन्वर्जन’ भी अपने सतही प्रस्तुतिकरण के चलते दर्शक नहीं बटोर सकी। मई में कंगना रनौत की ‘धाकड़’ और आयुष्यमान खुराना की ‘अनेक’ फ्लॉप रही। इसी माह में कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 2’ ने सफलता के झंडे गाड़ दिए। जून माह में कमल हासन की ‘विक्रम’ छाई रही। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर की श्रेणी में आ गई।
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन पर बनी दक्षिण भारतीय फिल्म ‘मेजर’ औसत सफलता ही प्राप्त कर सकी। इसी महीने में अक्षय कुमार की ‘सम्राट पृथ्वीराज’ बुरी तरह पिट गई। कियारा आडवाणी की ‘जुग जुग जियो’ ने औसत सफलता प्राप्त की। इसी माह प्रदर्शित हुई ‘शेरदिल : द पीलीभीत सागा’ भी दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सकी। जुलाई में आदित्य रॉय कपूर की ‘ओम’ फ्लॉप रही।
आर.माधवन की ‘रोकेट्री’ को अधिक दर्शक नसीब नहीं हुए। विद्युत जम्वाल की ‘खुदा हाफ़िज़ : चैप्टर 2’ भी पिट गई। इसी माह राजकुमार राव की ‘हिट : द फर्स्ट केस’, रणबीर कपूर की ‘शमशेरा’, जॉन अब्राहम की ‘एक विलेन रिटर्न्स’ और जान्हवी कपूर की ‘गुड लक जेरी’ फ्लॉप रही। अगस्त में दुलकार सलमान की ‘सीता रामम’ को दक्षिण भारतीय पट्टी में काफी सराहा गया और बाद में ओटीटी पर भी इस प्रेम कहानी को बहुत दर्शक मिले।
अगस्त माह आमिर खान के लिए अशुभ सिद्ध हुआ। पहले से बहिष्कार की मार झेल रहे आमिर की एक कमज़ोर फिल्म ‘लाल सिंह चढ्ढा’ बॉक्स ऑफिस पर ढह गई। इसी माह ‘रक्षा बंधन’, ‘दोबारा’ और ‘लाइगर’ बुरी तरह पिट गई लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्म ‘कार्तिकेय : 2’ ने सफलता के परचम लहरा दिए। सितंबर में अक्षय कुमार की ‘कठपुतली’ और ऋत्विक रोशन की ‘विक्रम वेधा’ भी दर्शकों के गुस्से का शिकार हो गई।
इस माह रणबीर कपूर की ‘ब्रम्हास्त्र : शिवा पार्ट वन’ ने बड़ी सफलता प्राप्त की। अक्टूबर में अमिताभ बच्चन की एक और फिल्म ‘गुडबाय’ भी दर्शकों के गुस्से का शिकार बन गई। इस माह रिलीज हुई ‘कोड नेम तिरंगा’, ‘थैंक गॉड’ को दर्शक नहीं मिले लेकिन अक्षय कुमार का भाग्य फिर से उनका साथ देने लगा। अक्टूबर में उनकी ‘राम सेतु’ ने बहुत अच्छा कलेक्शन किया।
नवंबर माह अजय देवगन की ‘दृश्यम 2’ के नाम रहा। फिल्म ने पहले दिन से ही दर्शकों में अपनी पैठ जमा ली। ओटीटी पर प्रदर्शित हुई ‘कला’ ने दर्शकों की बहुत प्रशंसा पाई। इस माह प्रदर्शित हुई ‘भेड़िया’ ने भी अपनी लागत वसूल कर ली। साल के अंतिम माह में भी बॉलीवुड की फ़िल्में पिटने का सिलसिला जारी रहा। दिसंबर में ‘एन एक्शन हीरो’, ‘इंडिया लॉकडाउन’, ‘सलाम वेंकी’ और रोहित शेट्टी की ‘सर्कस’ जैसी फ़िल्में औंधे मुंह गिर पड़ी।
वर्ष की टॉप टेन फ़िल्में ( कलेक्शन के आधार पर)
केजीएफ : चैप्टर 2 (1208 करोड़)
आरआरआर (1140 करोड़)
पोन्नीयन सेलवन (488 करोड़)
ब्रम्हास्त्र : पार्ट वन शिवा (431 करोड़)
विक्रम (413 करोड़ )
कांतारा (410 करोड़)
द कश्मीर फाइल्स (341 करोड़)
दृश्यम 2 (321 करोड़)
अवतार : द वे ऑफ़ वाटर (280 करोड़)
भूल भुलैया 2 (265 करोड़)