आईएसडी नेटवर्क। ये एक ऐसे भू माफिया की कहानी है, जो खुद को संत बताता है। इस कथित संत ने बहुत से गरीबों के घर उजाड़ दिए। इसने संत परंपरा को कलंकित किया। ये कथित संत आनंद गोपालदास उर्फ़ अमृतानंद है। आनंद गोपालदास के बारे में जो खुलासे हुए हैं, वह जानकर धार्मिक लोगों का संतों पर से विश्वास उठ सकता है। आनंद गोपालदास ने न केवल वन विभाग की ज़मीन पर कब्ज़े किये, बल्कि सौ लोगों के आशियाने उजाड़ने का अपराधी भी है।
आनंद गोपालदास का रहस्य जानकर लोग हैरान हो जाएंगे। हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने बाबा आनंद गोपाल द्वारा वन विभाग की जमीन पर कब्जा करने के आरोप को लेकर लगी याचिका के तहत मुख्य सचिव, जिला कलक्टर एवं जिला वन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ब्रज परिक्रमा पथ पर आनंद गोपालदास की बुरी नज़र पड़ गई और देखते ही देखते ब्रज के सौ परिवार अपना घर गंवाकर सड़क पर आ गए।
राजस्थान में प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर इस कथित साधू ने बड़ा खेल खेल दिया। आनंद गोपालदास ने खेल को अंजाम देने के लिए राजस्थान के एक आर्किटेक्ट व उद्यमी को चुना। ये उद्यमी अनूप भरतिया भी दूध का धुला नहीं है। इसके विरुद्ध ईडी और सीबीआई की जांच चल रही है। पिछले वर्ष ही भरतिया के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। अनूप भरतिया ने ब्रज का कायाकल्प करने के लिए 4000 करोड़ की योजना बनाई थी। फर्जी बाबा गोपालदास ही भरतिया को उत्तरप्रदेश ले गया था।
इनका उद्देश्य ब्रजवासियों को उजाड़कर धन कमाना था। जब भरतिया ब्रज आया तो उसने अपना जाल बिछाना शुरु कर दिया। ब्रज के परिक्रमा पथ पर मॉल, होटल, रेस्टोरेंट आदि बनाने के लिए 7600 सनातनी ब्रजवासियों का घर तोड़ने का नोटिस दिया गया। इनमे से सौ परिवारों के घर ध्वस्त कर दिए गए। संघी बाबा ऊर्फ आनंद गोपालदास ऊर्फ अमृतानंद ने शुरु से ही ब्रजवासियों से झूठ कहा। इसने ब्रज के लोगों से कहा कि हम यहाँ वृक्षारोपण करेंगे। वृक्षारोपण के लिए इसने लोगों से कागज पर साइन करा लिए, जबकि पता चला कि कागज में उनके घर तोड़ने की बात लिखी गई थी। फर्जी बाबा ने लोगों से उनके ही घर तोड़ने के लिए साइन ले लिए थे।
इसके बाद संघी बाबा उप्र पुलिस के संरक्षण में सरकारी बुल्डोजर के साथ गरीबों का घर तुड़वाने पहुंच गया, और लोगों के घर तुड़वाए। आनंद गोपालदास यही नहीं रुका। इसने भगवान कृष्ण के समय स्थापित प्राचीन पुरातात्विक महत्व के कुंडो की सफाई रुकवा दी। ये उन कुंडों पर भी सरकार और अपने साथी उद्यमी के साथ मिलकर कब्ज़ा करना चाहता था। जब ब्रज के लोगों को इसके बारे में पता चला तो ये भाग खड़ा हुआ। कभी राजस्थान और कभी हरिद्वार में फरारी काटता रहा।
आनंद गोपालदास के बारे में कहा जाता है कि ये एक बड़ा भू माफिया है। ये गौशाला के नाम पर बरसों से गोरखधंधा करता आया है। इस पर आरोप है कि इसके गौशाला के नाम पर दान में मिली ज़मीन और ग्रामवासियों से मिली भूमि को ट्रस्ट के नाम से न खरीदकर अपने और एक उद्यमी के बेटे-बेटियों के नाम पर खरीद लिया। उत्तरप्रदेश के इस मामले में प्रशासन के साथ सत्तारुढ़ दल भाजपा के भी कुछ लोग इसमें लिप्त हैं। इस संघी बाबा की पोल खुलने की कहानी बड़ी रोचक है।
वंशीवट आश्रम के महंत युगलकिशोर बाबा ऊर्फ वंशीवट बाबा कहां हैं? बताए यह धनानंद? वंशीवट बाबा ने बिना प्रचार के समूचे वृंदावन में पेड़ लगाए, जिसका क्रेडिट इस अमृतानंद ऊर्फ धनानंद ने स्वयं ले लिया।
आज 10 साल से वंशीवट बाबा गायब हैं। इस धनानंद से पूछो तो बताएगा की तपस्या करने गये… pic.twitter.com/L8D05ohxgX
— संदीप देव #SandeepDeo (@sdeo76) November 1, 2023
ये बाबा नवोदित राजनीतिक दल एकम सनातन भारत के संपर्क में आया था लेकिन कुछ समय बाद एकम पर ही अनर्गल आरोप लगाने शुरु कर दिए। एकम सनातन को बाबा का व्यवहार संदिग्ध दिखाई दिया। इसके बाद एकम सनातन भारत दल के राष्ट्रीय महासचिव संदीप देव ने ब्रज का दौरा किया और इस कथित बाबा के झूठ से पर्दा उठाया। आनंद गोपालदास संघ और भाजपा के भीतर गहरी पकड़ रखता है।
इसकी पकड़ इतनी है कि यह मोदी सरकार के पूर्व मंत्री महेश शर्मा से लेकर उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं अन्य मंत्रियों व नौकरशाहों से चार्जशीटेड भ्रष्ट उद्यमी को न केवल मिलवाने ले जाता है, बल्कि बैठकर ब्रज तोड़ने का नक्शा भी पास करता है। वर्तमान में ये ठग बाबा खुला घूम रहा है। ग्रीन ट्रिब्यूनल में बाबा आनंद गोपाल पर राजस्थान में वन विभाग की जमीन पर कब्जा करने और बेचने के आरोप में राजस्थान उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया था। हालाँकि अब तक इस बाबा पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।