आईएसडी नेटवर्क। (पॉलिटिकल डेस्क) नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से केंद्र सरकार को रोकने के लिए से कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस नेता डॉ.जया ठाकुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति करने के लिए बनाए गए केंद्र सरकार के नए कानून पर तुरंत रोक लगाने से मना कर दिया था।
सोमवार को कांग्रेस नेता डॉ.जया ठाकुर ने नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से केंद्र सरकार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी। याचिका में ठाकुर ने मांग की है कि चुनाव आयोग के सदस्य की नियुक्ति के लिए अरूप बरनवाल फैसले के मुताबिक निर्देश दिया जाए। कांग्रेस नेता ने चयन पैनल से सीजेआई को बाहर करने को चुनौती दी है।
डॉ.जया ठाकुर ने चुनाव आयुक्तों के अधिनियम की संवैधानिकता पर प्रश्न करते हुए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक रिट याचिका दायर की। इससे पहले शीर्ष अदालत ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए केंद्र के नये कानून पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया था। नए कानून में भारत के मुख्य न्यायाधीश को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया गया था।
ठाकुर ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है कि वह धारा 7 और 8 के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और दूसरे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से सरकार को रोके। गौरतलब है कि इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से ठीक पहले निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने रहस्यमयी ढंग से त्यागपत्र दे दिया था। सूत्रों के अनुसार सरकार 15 मार्च से पहले आनन-फानन में आयुक्तों के रिक्त पड़े पदों को भरना चाहती है। फरवरी में अरुप चंद्रा चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गए थे। इस समय चुनाव आयोग के पैनल में एक ही आयुक्त राजीव कुमार बचे रहे गए हैं।