जिस राफेल सौदा को लेकर राहुल गांधी अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की योजना बना रहे थे, सुप्रीम कोर्ट में उसकी हवा निकल गई है। शुक्रवार यानि आज सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर सुनवाई करते हुए फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के तहत जहां राफेल सौदे को लेकर दायर सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, वहीं स्पष्ट कर दिया है कि राफेल सौदे से जुड़ी किसी भी जांच के लिए वह तैयार नहीं है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राफेल सौदा किसी भी संदेह से परे है इसलिए किसी भी जांच की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट इस फैसले से हाल में पांच राज्यों में से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली जीत से कुप्पा हुए राहुल गांधी के मुंह पर एक जोरदार थप्पड़ लगा है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और केएम जोसेफ की पीठ ने राफेल सौदे की जांच के लिए दायर की याचिकाओं पर सुनवाई 14 नवंबर को ही कर ली थी, लेकिन फैसला आज सुनाया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि राफेल सौदे की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार नहीं है। क्योंकि इस सौदे की किसी भी प्रकार की जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस सौदे में फैसला लेने की प्रक्रिया पर कोई संदेह करने की कोई गुंजाइश है ही नहीं। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि जहां तक लड़ाकू विमानों की कीमत तय करने का मसला है तो कीमत तय करना सरकार का काम है न कि अदालत का। इस मामले में अलग से टिप्पणी करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल सौदे की प्रक्रिया पर किसी प्रकार के संदेह करने की कोई जरूरत नहीं है।
मालूम हो कि राफेल सौदे के करीब दो साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में घोटाला होने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की थी। राफेल सौदे को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरना शुरू कर दिया। राहुल गांधी द्वारा इस मसले को उठाए जाने के बाद इस मामले को लेकर सबसे पहले वकील मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद वकील विनीत ढांडा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद आप के सांसद संजय सिंह और फिर भाजपा से नाराज चल रहे दो पूर्व कैबिनेट मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ मिलकर प्रशांत भूषण ने अलग याचिका दायर कर इस सौदे की जांच कराने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सारी याचिकाएं खारिज करते हुए स्पष्ट रूप से कह दिया है कि राफेल मामले में फैसला लेने की प्रक्रिया पर न तो सवाल उठाया जा सकता है न ही इसकी किसी भी प्रकार की जांच की जरूरत है।
प्वाइंट वाइज समझिए
राफेल पर राहुल को सुप्रीम कोर्ट का थप्पड़
* सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व में तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने सुनाया फैसला
* राफेल सौदे की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिकाएं
* सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं
* सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे को संदेह से परे बताते हुए कहा जांच की कोई जरूरत नहीं
* सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राफेल सौदे में फैसला लेने की प्रक्रिया पर शक की गुंजाइश नहीं
* राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राफेल पर फैलाया था निराधार झूठ
URL : Supreme Court said, There is no reason for investigation of Rafale Deal!
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