आईएसडी नेटवर्क। बैंकाक में आयोजित विश्व हिन्दू सम्मलेन में थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने संपूर्ण संसार को अपने संदेश में कहा है कि अशांति से जूझ रही दुनिया को हिन्दू धर्म के मूल्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सत्य, अहिंसा, असहिष्णुता और सद्भाव पर चलकर ही संसार को शान्ति प्राप्त हो सकती है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री के वक्तव्य की भारत समेत पूरी दुनिया में चर्चा और सराहना हो रही है। शुक्रवार को शुरु हुए तीन दिवसीय विश्व हिन्दू सम्मलेन में 61 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में शुक्रवार को विश्व हिन्दू सम्मलेन का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में थाई प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को भी शामिल होना था लेकिन वे किसी कारणवश शामिल नहीं हुए। उद्घाटन दिवस के दिन उनका संदेश पढ़कर सुनाया गया। श्रेथा थाविसिन ने अपने संदेश में कहा कि हिंदू धर्म धर्म के संदेशों और मूल्यों पर आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन की मेजबानी करना थाईलैंड के लिए सम्मान की बात है।
थाई पीएम ने कहा कि वेद शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों की कल्पना करते हैं। शांति की अवधारणा भी इन्हीं सिद्धांतों पर स्थापित हैं। विश्व हिंदू सम्मेलन में दुनिया के 61 देशों के 2200 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया था। ये सभी लोग शिक्षा, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, अनुसंधान और विकास, मीडिया और राजनीति सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं। इस अवसर पर अपने संदेश में श्रेथा थाविसिन ने कहा कि हिन्दू धर्म और सिद्धांतों पर आयोजित विश्व हिन्दू सम्मेलन की मेजबानी करना हमारे लिए गर्व का विषय है।
थाईलैंड में भारतीय समुदाय के लगभग 10 लाख लोग रहते हैं। पूरा समुदाय थाईलैंड के व्यापार और आर्थिक विकास में योगदान देता है। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधि दुनिया भर में हिंदुओं के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन में अमृतानंदमयी देवी, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के महासचिव मिलिंद परांडे, डब्ल्यूएचसी आयोजन समिति के अध्यक्ष सुशील सराफ, भारत सेवाश्रम संघ के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी पूर्णात्मानंद, हिंदू धर्म टुडे-यूएसए के प्रकाशक सतगुरु बोधिनाथ वेयलानस्वामी सहित अन्य शामिल थे।