संदीप देव।‘मैंने उस काफ़िर को काट दिया, वो बचेगा नहीं’। प्रयागराज में बस कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा को कन्हैयालाल की तरह चापड़ से काटने के बाद लारेब हाशमी ने वीडियो बनाकर यह बयान दिया। हाशमी बी-टेक का छात्र है, अर्थात ‘पसमांदा सुल्तान’ का प्रिय पसमांदा जिसके एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर था! भारत में सीरिया की तरह हिंदुओं का गला काटने की घटना क्यों बढ़ रही है? इन तथ्यों से समझिए:- 👇
१) सोनिया-मनमोहन की सरकार में जितने हिंदू इस्लामी बम धमाके और आतंकवाद में मारे गये, उससे कहीं अधिक हिंदू मोदी सरकार में इस्लामी जिहाद में काटे और टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं।
२) कट्टरपंथी इस्लामी सोच को मोदी सरकार ने तुष्टिकरण और तृप्तीकरण के जरिए और अधिक मजबूत बनाया है।
३) इनके लिए 300 योजनाएं चलाई गईं हैं।
४) करीब 35-40% सरकारी योजनाओं और संसाधनों पर इनको कब्जा दिया जा चुका है।
५) पसमांदाकरण की आड़ में इस्लामी जिहाद को प्रमोट किया जा रहा है।
६) 42000 करोड़ लगा कर पिछले 10 साल में इन्हें मजबूत बनाया गया है।
७) अरब की फंडिंग का सीधा रास्ता कश्मीर घाटी से लेकर लूलू मॉल जैसे निवेश आदि के जरिए पूरे देश में खोला गया है।
८) भारतीय व्यवस्था में कतर जैसे कट्टरपंथी देशों का सीधा हस्तक्षेप बढ़ाया गया है।
९) UN में कुरान को पाकिस्तान के साथ मिलकर प्रमोट किया गया है।
१०) एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान का नारा देकर सिविल सर्विस से लेकर सरकारी नौकरियों में इनका अनुपात दो गुणा-तीन गुणा किया गया है।
११) भारतीय जेलों से लेकर अरब के जेलों में बंद मजहबी अपराधियों को छुड़ाने के लिए योजना लाने से लेकर अरब के सामने चिरौरी की गई है।
१२) पिछले 10 साल में 3400 से अधिक हिंदू विरोधी दंगे देश भर में हुए और इसे भड़काने वाले उमर खालिद, शरजील इमाम, शफूरा जरगर, जुबैर जैसे कट्टरपंथियों का केस कमजोर कर इन्हें छुड़वाया गया है।
यही नहीं, आरोप के अनुसार उदयपुर के कन्हैयालाल के हत्यारे को बचाने के लिए आनन-फानन में वहां के भाजपाई डिप्टी मेयर ने पहले हत्यारों को थाने से छुड़ाया और फिर राजस्थान पुलिस से केस लेकर गृहमंत्रालय ने NIA को दे दिया। हाल देखिए कि आज तक NIA ने कन्हैयालाल के परिवार को चार्जशीट तक उपलब्ध नहीं कराया है।
१३) दिल्ली, मेवात जैसे जगह जहां हिंदू -मुस्लिम दंगे दशकों से नहीं हुए थे, वहां बार-बार हिंदू विरोधी दंगे लगातार आरंभ हुए हैं।
१४) मुस्लिम परिवार से अपने रिश्ते प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे जोड़े हैं, जैसे अब्बास के साथ, वोहरा मुस्लिम के साथ, खुद को औलिया कह कर- इससे कट्टरपंथी मुस्लिमों के हौसले बुलंद हुए हैं कि वो कुछ भी करेंगे मोदी सरकार उन्हें बचाएगी।
१५) भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे और संघ के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच में कट्टरपंथी मुस्लिमों को भर कर उन्हें बचाया और सेफ पैसेज दिया गया है। जैसे- कन्हैयालाल का हत्यारा रियाज अत्तारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का सदस्य था, जिसे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के द्वारा भाजपा में घुसाया गया था। इसी तरह लश्कर के आतंकी तालिब हुसैन को भाजपा के कश्मीर IT cell का प्रमुख बनाया गया था।
१६) 2003 के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा हिंदू नरसंहार टारगेट कीलिंग के तौर पर सामने आई है। केवल दो साल में 25 के करीब हिंदू टारगेट कीलिंग में मारे जा चुके हैं। हिंदुओं का आई कार्ड देखकर टारगेट कर मारने की शुरुआत मोदी सरकार के दौरान ही आरंभ हुआ है।
१७) मोदी सरकार में सेना को इफ्तार पार्टी में लगाया गया है, नमाज पढ़वाई जा रही है सैनिकों से, जिहाद समर्थकों पर गोली चलाने वाले सैनिकों को सजा दिलावाई गई है।
१८) मोदी सरकार के 10 साल में 578 सैनिक इस्लामी आतंकवाद का शिकार हुए हैं, जो सोनिया-मनमोहन की सरकार के समय से करीब दोगुनी सैनिकों का बलिदान है।
१९) एक RTI के अनुसार मोदी सरकार में इस्लामी आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या सोनिया-मनमोहन सरकार की अपेक्षा बेहद कम है।
यह कुछ आंकड़े हैं जो बता रहा है कि भारत तेजी से कट्टरपंथी इस्लामी जिहाद की चंगुल में फंसता जा रहा है और इसमें हिंदुओं के वोट से जीत कर आई मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूमिका है।
सोनिया-मनमोहन की सरकार में जितने हिंदू इस्लामी बम धमाके और आतंकवाद में मारे गये, उससे कहीं अधिक हिंदू मोदी सरकार में इस्लामी जिहाद में काटे और टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं।
कट्टरपंथी इस्लामी सोच को मोदी सरकार ने तुष्टिकरण और तृप्तीकरण के जरिए और अधिक मजबूत बनाया है। जैसे:- 👇… https://t.co/iPBsOFLK9Q
— संदीप देव #SandeepDeo (@sdeo76) November 25, 2023