
‘वो भोंक रहे हैं, सामने आएँगे तो गीले हो जाएँगे’: अंधविश्वास के आरोपों पर बोले बागेश्वर धाम के महंत – घर वापसी कराता हूँ, इसीलिए हो रही साजिश
बागेश्वर धाम और वहाँ के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने कथित चमत्कारों के लिए विवादों में हैं। उन पर समाज में अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है। धीरेंद्र शास्त्री ने इन अंधविश्वास फैलाने के आरोपों को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा है कि वह हिंदुओं की घर वापसी करवा रहे हैं। इसलिए कुछ लोगों को समस्या हो रही है।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है, “धर्म विरोधी लोग ये सब कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने भगवान राम के होने और अयोध्या का सबूत माँगा था। हर बार सनातनी साधुओं को ही टारगेट किया जा रहा है। हमने जबसे लोगों की घर वापसी करवाई है, तब से इन लोगों को समस्या हो रही है। हमने छतारी की कथा में ऐलान किया था कि हमारे खिलाफ साजिशें होंगीं। लेकिन, हमें इनसे डर नहीं है। वो अपनी जगह बोलते ही रहते हैं। वो अपनी जगह भोंक रहे हैं। सामने आएँगे तो गीले हो जाएँगे।”
उन्होंने यह भी कहा है, “सनातन के लिए सनातनी जाग रहे हैं। इसका प्रमाण यही है कि धर्म विरोधी मुँह चला रहे हैं। हमने इन सब पर बात करना बंद कर दिया है। उन्हें साफ कह दिया है कि यदि आपको हमारे दरबार से दिक्कत है तो आकर देखिए और समझिए। आपकी चुनौती हमें कानूनी रूप से नहीं मिली है।”
उन्होंने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्याम मानव की चुनौती पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब हम वहाँ (नागपुर) में 7 दिन थे, तब चुनौती क्यों नहीं दी? उन्होंने व्यक्ति क्यों नहीं भेजा? उन्होंने लेटर क्यों नहीं भेजा?”
उन्होंने श्याम मानव को जवाब देते हुए कहा, “यहाँ (रायपुर) भी आना तो बताकर आना। ऐसा न हो कि यहाँ आकर भाग जाओ फिर कहो कि हमसे मिले नहीं। जब मिलने आओ तो हमारे नीतेंद्र चौबे या केशव मेहता जी, इन लोगों को बता देना कि हम फलां जगह से आए हैं। इसके बाद हम ठठरी बाँध देंगे।”
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा है, “हमारे पास किसी प्रकार की सिद्धि नहीं है, लेकिन जो दरबार है उसमें किंचित मात्र भी संदेह नहीं है। वो और उनके जैसे लोग आएँ और दरबार में बैठें। हमें जो प्रेरणा मिलेगी हम बेझिझक बताएँगे, क्योंकि न तो हम कमरे में मिलते हैं और न हम अंधविश्वास फैला रहे हैं। हम तो सिर्फ हनुमान जी से जोड़ रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। हमारे पूर्वजों ने संविधान स्वीकार किया है।”
सुदर्शन न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इन लोगों ने भगवान राम को नहीं छोड़ा, फिर हम तो आम हैं। ये हमें कब छोड़ेंगे। हमें इनसे डिगना या डरना नहीं है। हम सभी ये प्रार्थना करेंगे कि इन लोगों की कोई भी बात सुनने से पहले एक बार हमारा तथ्य जरूर जान लेना। तब इनको मानना, क्योंकि ये सोची समझी साजिश है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम घर वापसी करवा रहे हैं। वो लोग धर्मांतरण पर करोड़ों खर्च कर रहे हैं। फिर हम पर 10 करोड़ खर्च करने में क्या बुराई है।” कहा जाता है कि क्रिसमस के दिन अपने पैतृक गाँव में स्थित बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री ने 300 लोगों की घर वापसी करवाई थी।
उन्होंने आगे कहा है, “लोगों से हम यही कहना चाहते हैं कि हम वचन देते हैं कि ऐसा कोई कृत्य नहीं करेंगे जिससे हिंदुओं की नाक और साख को नुकसान हो। चाहे हमें उसके लिए प्राणों की आहुति देना पड़े।” उन्होंने कहा कि यदि अपने धर्म का प्रचार करने पर एफआईआर दर्ज होती है तो देश के सभी हनुमान भक्तों पर एफआईआर होनी चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाते हुए यह भी कहा है, “भारत में चादर चढ़ाना श्रद्धा है, लेकिन हनुमान जी की भक्ति बताना अंधविश्वास है। भारत में कैंडल जलाना श्रद्धा है, लेकिन कलावा बाँधना और हनुमान चालीसा का उपाय बताना या सनातन की बात करना अंधविश्वास है। ये दोगलापन लाते कहाँ से हैं भारत में?”
उन्होंने आगे कहा है कि जिन लोगों को भी समस्या है वह रायपुर में 20 और 21 फरवरी 2023 को दिव्य दरबार लग रहा है, वहाँ पहुँच सकते हैं। वे उनके आने-जाने का किराया और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेते हैं कि उनकी पुजाई (मारपीट) नहीं होगी।
दरअसल, बागेश्वरधाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा नागपुर में 5 जनवरी से 11 जनवरी तक तक रामकथा के लिए पहुँचे थे। पहले यह कथा 13 फरवरी तक होनी थी। हालाँकि, किन्हीं कारणों से यह कथा 2 दिन पहले ही समाप्त हो गई थी।
इस कथा के समापन के बाद महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। साथ ही, कहा था कि उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती थी। इसलिए वे दो दिन पहले ही नागपुर से भाग गए।
श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दरबार के दौरान चमत्कार दिखाने पर 30 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। बाद में उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।

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