अर्चना कुमारी। ब्राह्मण होना गुनाह है क्या लेकिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर में तो यही साबित हो रहा है। ब्राह्मण समुदाय के महिलाओं को पीटने के आरोप में थानाध्यक्ष पर अब जाकर कार्रवाई हुई है जबकि उन्होंने करीब 10 दिन पहले यह करतूत किया था।पुलिस कर्मियों द्वारा पिटाई के मामले में फजीहत के बाद एसपी ने थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया ।
पीड़ित महिलाओं की तहरीर पर केस दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस आदेश के बाद पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए डीसीआरबी के प्रभारी रहे महेश चंद्र पांडेय को थाने की कमान सौंपी है। बताया जाता है कि सीतापुर के रामपुर मथुरा थाने में महिलाओं को मारा पीटा गया।
इन महिलाओं को एक कमरे में बंद कर दिया गया था और उन्हें बहुत मारा पीटा गया। कस्बे की निवासिनी अन्नपूर्णा, लक्ष्मी देवी, राजकुमारी गायत्री और रेखा ने आरोप लगाया था कि 18 जून की सुबह पारिवारिक विवाद के चलते दो भाइयों निरंकार शर्मा और ओंकार शर्मा थाने में तहरीर देने गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहीं बैठा लिया और शाम तक जब दोनों युवक नहीं पहुंचे तो महिलाएं थाने पहुंच गई। आरोप है कि उन्होंने दोनों युवकों को हिरासत में लेने का कारण पूछा तो गुस्साये थानाध्यक्ष ने सिपाहियों को बुलाकर महिलाओं को कमरे में बंद करते हुए पट्टे से जमकर पिटाई कर दी।
पुलिस की इस बर्बरता से महिलाओं के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान दिखाई दिए। इस बर्बरता के बाद महिलाओं ने कार्रवाई के लिए डीएम एसपी से 20 जून को मामले की शिकायत की लेकिन सीओ महमूदाबाद इस पूरे प्रकरण में जांच के बाद पुलिस कर्मियों को क्लीन चिट दे दी । लेकिन काफी फजीहत के बाद एसपी ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से एसओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दे दिया।
इसके बाद महिलाओं के शरीर पर पड़े निशान और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए इस बर्बरता में शामिल थाना अध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट की धाराओं में केस दर्ज करने के भी आदेश जारी किए। पुलिस का कहना है कि पीड़ितों की तहरीर पर थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।