बाबा साहब ने देश को हमेशा लाल और हरे टिड्डे से सावधान किया, लेकिन विडंबना देखिए कि लाल-हरे टिड्डे ही ‘जय भीम-जय मीम’ का नारा गढ़ कर आज उनके वारिस बनने का स्वांग रच रहे हैं!
इस मुद्दे पर Sandeep Deo का Video
ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि डॉ आंबेडकर का लिखा साहित्य जनता से दूर कर दिया गया, मोटे-मोटे खंड निकाल कर उसे पुस्तकालयों में कैद कर दिया गया, जिसके कारण राष्ट्रवादी शक्तियों के बीच केवल आंबेडकर का भ्रम और मूर्ति विद्यमान रही, सच दबा ही रहा।
आज आंबेडकर कल्ट बन चुके हैं। अत: आवश्यकता है उनके लिखे को ही लाल-हरे टिड्डों के विरुद्ध प्रयोग करने की। जब तक राष्ट्रवादी ताकतें आंबेडकर के लिखे ‘भारत विभाजन’, ‘शूद्र कौन’ आदि को नहीं पढ़ती, ‘जय भीम-जय मीम’ की साजिश से इस राष्ट्र को नहीं बचाया जा सकेगा।
आप सभी के लिए Kapot Prakashan & e-commerce डॉ भीमराव अम्बेडकर की सभी पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है ताकि आप पंचमक्कारों की पूरी साजिश को डॉ आंबेडकर के दिए तथ्यों से ही ध्वस्त कर सकें। अधर्म के साथ खड़े भीष्म-द्रोण के वध के लिए कृष्ण ने कुछ कंधों का प्रयोग ही तो किया था, आप भूल गये?