अर्चना कुमारी। उत्तराखंड में ऋषिकेश के भट्टोवाला क्षेत्र में हिंदू घरों में मजारें बनाए गए है। यहां हिंदू संगठन मजार वाले घरों के स्वामियों से सहमति लेकर मजारों को तोड़ रहे है। अब तक 14 मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है। भट्टोवाला क्षेत्र में 70 से ज्यादा घरों में मजारें चिन्हित हुई हैं।
बताया जाता है एक साजिश के तहत मुस्लिम ऋषिकेश और देहरादून जिले के अन्य भागों में ऐसी मजारें हिंदुओं की जमीनों को हथियाने के लिए बनवा रहे हैं। ऋषिकेश सनातन आस्था का केंद्र है और यहां कभी गैर हिंदुओं के रात्रि विश्राम पर भी रोक लगी हुई थी। पिछले 10-15 सालों से उत्तराखंड में मजार बने का साजिश हो रहा यह एक तरह का जिहाद का एक ताना बाना बुना गया है,जिसमें सरकारी जंगल की जमीन पर सैकड़ों अवैध मजारें बनाई गईं।
उसके बाद ऐसे भोले-भाले हिंदू लोगों की जमीनों पर मुस्लिम की निगाहें गईं, जहां महिलाएं रहती हैं और उनके पुरुष या तो बाहर काम करते हैं अथवा नहीं है।मुस्लिम लोग यहां हिंदू लोगों के घरों में चावल दिखाकर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं कि उनकी जमीन में हमारे देवता हैं उनका मंदिर या चिन्ह बनाना है। मुस्लिम पहले यहां की महिलाओं को अपने बड़ी मजार पर आने को बोलते हैं, चादर चढ़वाते हैं फिर उन्हें बरगलाते हैं कि दुआ कबूल होने या काम होने पर अपने घर में मजार बनाने को कहते है।
जब हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भट्टोवाला क्षेत्र में उन लोगों से बातचीत की और उन्हें मजार हटाने और इसके मुस्लिम मजहब प्रचार होने की बात समझाई। कई मजारों में “भूमिया देवता पीर मजार” लिखा देखा गया और मजार में मक्का मदीना की टाइल लगी हुई थी। इन भोले-भाले हिंदू लोगों को यह तक पता नहीं था कि मजार मुस्लिम की बनाई जाती है और ये हिंदू के घर क्यों बनाई जा रह हैं।
बहरहाल यहां एक मजार जिहाद के षड्यंत्र के तहत 70 से अधिक मजारें दिखाई दी हैं, जिन्हें एक-एक कर तोड़ा जा रहा है।
हिंदू संगठन से जुड़े चंद्र भूषण शर्मा का कहना है कि देव नगरी में एक बड़ा साजिश है मुस्लिम लोग हिंदू गढ़वाली महिलाओं और सीधे साधे लोगों को बरगला कर उनके घरों में घुसपैठ करके उनकी सम्पत्ति पर कब्जे कर रहे हैं।
कुछ लोगों को उन्होंने चावल देखने के धंधे भी सिखा कर उगाही का धंधा भी शुरू करवा दिया। सनातन नगरी ऋषिकेश में ये एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है और यहां मुस्लिम लोग अपने पैर पसार रहे हैं।ऋषिकेश के अलावा पछुवा देहरादून में भी इसी तरह की अवैध मजारें सामने आई थीं, जिन्हें प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था, लेकिन ऋषिकेश की इन अवैध मजारों पर देहरादून ऋषिकेश प्रशासन खामोश रहा, लेकिन यहां हिंदू संगठनों ने इन्हें हटाने का अभियान शुरू किया और अभी तक 14 मजारें हटा दी गई हैं।
मजारों के बारे में जब पता चला तो प्रशासन भी हैरान रह गया है। देहरादून शहर में 50 से अधिक अवैध मजारें हैं, जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन कभी भी फैसला ले सकता है।