पिछले चार वर्षों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने काफ़ी ऊंचाइयों को छुआ है. अपनी राजनीतिक समझ में इस प्रदेश की जनता की कोई सानी नहीं है. यह प्रदेश हिंदुत्व के मौलिक चिंतन से परिपूर्ण है, इसी का परिणाम है कि समाज में सबसे निम्न माने जाने वाले वर्ग को देश में सबसे पहले मुख्यमंत्री बनाने वाला प्रदेश भी यही है. प्रदेश को उन्नति के शिखर की ओर ले जाने का काम प्रदेश की समझदार जनता ने किया है. योगी आदित्यनाथ संत परम्परा में उस नाथ सम्प्रदाय से आते हैं जिसने भारत के हिंदुत्व चिंतनधारा को सदैव संरक्षित और संवर्धित किया है. सीएम योगी के कर-कार्यकाल में प्रदेश ने चहुंमुखी विकास किया है. इसकी संस्तुति प्रदेश और देश दुनिया की तमाम संस्थाए करती हैं.
सरकार का दावा है कि शिक्षा में 2017 से आज तक लगभग 34 प्रतिशत से अधिक बजट को बढ़ाया गया है, जो अपने में काफ़ी उत्साहवर्धक है. कक्षा एक से 8 तक के सभी छात्रों को स्कूल यूनिफ़ॉर्म, जूते, जुराब, सर्दियों में स्वेटर एवं बैग आदि दिया गया. योगी सरकार का कहना है कि 450(110+40+300) करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. छात्रों को पोषित भोजन मिले, इसके लिए 3,406 करोड़ आवंटित किए गए. सरकार ने राज्य के लिए अपने पांचवें और आखिरी बजट (2021-22) में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान प्रस्तावित किए हैं.
सरकार के मुताबिक, बेसिक शिक्षा विभाग के लिए समेकित शिक्षा अभियान के तहत 18,172 करोड़ रुपये दिए हैं. माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए व सहायता प्राप्त निजी माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये भी निर्धारित किए गए हैं. मैनपुरी, झांसी और अमेठी के सैनिक स्कूलों में निर्माणाधीन सरकारी इंटर कॉलेजों के बचे हुए कार्यों को 100 करोड़ रुपये और गोरखपुर में एक नए सैनिक स्कूल के निर्माण और बचे हुए काम को पूरा करने के लिए 90 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है.
सरकार की ओर से बताया गया कि सरोजनी नगर स्थित कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय सैनिक स्कूल में बालिका छात्रावास एवं सभागार के विकास एवं निर्माण के लिए बजट में 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा निदेशालय तथा उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का कार्यालय व सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये प्रस्तावित है.
सरकर का यह भी दावा है कि 3 नए राज्य विश्विद्यालय एवं 248 इंटर कॉलेज बनाये, इंजीयनरिंग कॉलेज आदि की स्थापना हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग़रीब लड़कियों के पढ़ने हेतु 771 कस्तूरबा विद्यालय खोले गए. श्रमिकों के बच्चों के लिए 18 मंडलो में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थपाना की गई. योगी सरकार ने अक्टूबर 2017 में एनसीईआरटी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करके और इंटरमीडिएट स्तर पर गणित और विज्ञान को अनिवार्य बनाकर राज्य के मदरसों में आधुनिकीकरण लाने की कोशिश की.
सरकार बनते ही राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए उद्योगपतियों का सम्मेलन हुआ जिसमें 4.28 लाख करोड़ के अनुबंध हुए. बताया गया कि अब तक 90 से अधिक प्रोजेक्ट लग चुके हैं जिसमें 3,900 करोड़ का निवेश प्रदेश में हुआ है. साथ ही प्रदेश की हुनरमंद युवा शक्ति को छोटे एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा के उनको जहाँ मज़बूत करने का काम किया है. तमाम ग़ैरहुनरमंद मज़दूर वर्गों के लिए भी रोज़गारों का सृजन हुआ है. सरकार की ओर से जारी आकड़ों के मुताबि: यूपी सरकार के वित्त वर्ष 2017-18 में 46,594 करोड़ रुपये, 2018-19 में 57,808 करोड़, 2019-20 में 71,080 करोड़ और 2020-21 में 61,977 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है. यह इस वित्तीय वर्ष के लक्ष्य का 100.35 प्रतिशत है.
योगी सरकार की ओर बताया गया कि दिसंबर तक कुल 2,37,459 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है. लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि लघु एवं सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमई ) युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रोथ इंजन साबित हो रहा है. पिछले चार साल में राज्य में 49 लाख एमएसएमई ने निवेश किया गया है. उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष में लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य दिया है, इससे 20 लाख लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को फायदा होगा और एक करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
सीएम योगी ने बजट में अगले वित्तीय वर्ष के लिए ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. सरकार ने अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी कामगारों को रोजगार और स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से ₹100 करोड़ की एक नई योजना, ‘मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना’ की भी घोषणा की. सरकार का दावा है कि प्रदेश में पहली बार 1.25 लाख करोड़ का भुगतान किया गया, वही प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत 1,910 करोड़ की छतिपूर्ति किसानों को दि गई. गन्ने के किसानों की चिंता करते हुए 20 गन्ना मीलों का आधुनिकीकरण किया गया
उत्तरप्रदेश सरकार की ओर बताया गया कि 1,04,636 राजस्व गांवों में विद्युतीकरण किया गया, सौभाग्य योजना के तहत 1.38 करोड़ मुफ़्त बिजली के कनेक्शन दिए गए. सरकार की अमृत योजना एवं केंद्र की स्वच्छ पेयजल योजना के अंतर्गत प्रत्येक गांव तक पीने का पानी पहुंचाया गया है. सरकार के दावे के मुताबिक, अभी तक 30 हज़ार गांवों में यह योजन पहुंच चुकी है.
उत्तर प्रदेश में पर्यटन और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से सरकर ने काफ़ी काम किया है. भगवान राम की नगरी अयोध्या में दीपदान उत्सव का आयोजन अपने में दिव्यता लिए है जिसे दुनियाभर के पर्यटक देखने आते हैं वहीं रामायण सर्किट का निर्माण, बौद्ध सर्किट का निर्माण, स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ उत्तर प्रदेश मिशन मूड पर परवान चढ़ाया है. सरकार का कहना है कि 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ जिससे 10 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए. अगर रोज़गार की दृष्टि से देखा जाए पिछली समाजवादी सरकार में 5 वर्ष में मात्र 2.05 लाख रोज़गार ही युवाओं को मिला बल्कि योगी सरकार में मात्र 4 वर्ष में 4 लाख रोज़गार मिले हैं, इसलिए योगी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश उत्तम प्रदेश की और तेज़ी से बढ़ रहा है.