प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को लेकर अपने संबोधन में हमेशा कहते आए हैं कि यूरिया संकट पैदा करना शुरू से ही कांग्रेसी शासन का एक गुण रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को आए अभी सप्ताह पर बीता भी नहीं है कि दोनों प्रदेशों में यूरिया का संकट गहरा गया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों ही राज्यों में यूरिया के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइन शुरू हो गई है। राजस्थान के बुंदी जिला में तो यूरिया के लिए लाइन में खड़े किसानों के बीच भगदड़ मच जाने से कई किसान जख्मी भी हो गए हैं। मध्य प्रदेश में खाद के लिए किसानों का प्रदर्शन अभी से ही शुरू हो गया है। ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ है क्योंकि दोनों राज्यों में कांग्रेस के सत्ता संभालते ही बिचौलियों की चांदी हो गई है।
#Breaking– मध्य प्रदेश और राजस्थान में अचानक से गहराया खाद संकट, देखें रिपोर्ट pic.twitter.com/6Jh4ilNG2l
— News18 India (@News18India) December 21, 2018
जब से राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी है वहां खाद का संकट गहरा गया है। प्रदेश में खाद संकट इतना भयावह हो गया है कि वहां के किसानों को सुबह से ही लंबी-लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। राजस्थान के बुंदी जिला के किसान अपनी फसलों को बचाने हेतु यूरिया खाद के लिए सुबह से ही लाइन में खड़े थे। खाद के लिए हुई मारा-मारी में तीन किसान तक जख्मी हो गए है। राजस्थान में खाद का संकट कितना गहरा गया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपने अधिकारियों को इस संकट का हल निकालने के आदेश देने के बाद भी किसानों को खाद के लिए मारा-मारा घूमना पड़ रहा है।
Urea crisis continues in Rajasthan: Stampede occurred in Bundi district where farmers were lining up since morning and 3 farmers were injured. CM Ashok Gehlot has instructed the official to ensure urea supply in the state but the crisis for farmers continue pic.twitter.com/FGbkUaJcmR
— TIMES NOW (@TimesNow) December 21, 2018
राजस्थान से भी ज्यादा गहरा संकट मध्य प्रदेश में है। यूरिया के लिए जहां मध्य प्रदेश के रायसेन में किसानों ने चक्का जाम कर दिया वहीं गुना में यूरिया के बदले किसानों को लाठी से पीटा गया है। यूरिया के लिए आक्रोशित किसानों ने तो श्योपुर में गोदाम को ही घेर लिया। वहीं पिपरिया में खाद के लिए किसानों की लगी लंबी कतार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा हो भी क्यों नहीं क्योंकि मध्य प्रदेश में जहां अभी तीन लाख टन यूरिया की जरूरत है जबकि कमलनाथ सरकार महज 1.34 लाख टन खाद ही उपलब्ध करवा रही है, वो भी दलालों के माध्यम से। ऐसे में किसान आक्रोषित न हो तो क्या करे ? कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश के किसी भी जिले में किसानों की मांग के अनुरूप यूरिया उपलब्ध नहीं करवा रही है।
https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1076023643208015872?s=19&fbclid=IwAR0L_BVWQk3EPaVMCYbUuS6sAhnBcf4sKaQidUq-58MvGgMBu0jihws6ue0
राज्य के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री के आदेश तक का कोई असर नहीं पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हालात के लिए पहले से ही आगाह करते रहे हैं । किसानों की समस्या पर बोलते हुए अपने संबोधन में उन्होंने हमेशा कहा है कि यूरिया संकट पैदा करना कांग्रेस सरकार मॉडल का एक अहम गुण रहा है। इस संदर्भ में ट्वीट करते हुए शेहजाद पूनावाला ने कहा है कि जैसे ही गांधी के वफादारों को राजस्थान में नियुक्त किया गया वैसे ही खाद संकट अपने चरम पर पहुंच गया है। उनका कहना है कि ऐसा यइसलिए हुआ है क्योंकि कांग्रेस की सरकार आते ही राज्य में बेइमान दलालों का बोलबाला बढ़ गया है। किसानों का कर्ज माफी तो किसानों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है।
प्वाइंट वाइज समझिए
राजस्थान और मध्य प्रदेश में यूरिया संकट
* राजस्थान और मध्य प्रदेश में अचानक गहराया यूरिया संकट
* दोनों प्रदेशों के किसानों को फसल बचाने के लिए नहीं मिल रहा खाद
* कांग्रेस के सत्ता में आते ही गहरा गया है यूरिया संकट
* राजस्थान के बुंदी जिले में भगदड़ मचने से तीन किसान हुए जख्मी
* यूरिया के लिए लाइन में खड़े किसानों के बीच मची भगदड़
* मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश के बाद भी किसानों को राहत नहीं
* बेईमान दलालों के वापस आ जाने के कारण गहराया यूरिया का संकट
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही इस हालात के लिए आगाह करते रहे हैं
* यूरिया का संकट पैदा करना कांग्रेस सरकार माडल का अहम गुण है
URL : Urea crisis grims in Rajasthan and madhya pradesh due to middlemen !
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