Sandeep Deo:-
आदिशंकराचार्य के आविर्भाव काल पर पुरातत्व, मुद्रा, अभिलेख और इतिहास के आधार पर रामजन्म भूमि केस में सबसे लंबे समय तक बहस करने वाले और स्कंद पुराण से अदालत में श्रीराम की जन्मभूमि को प्रमाणित करने वाले एडवोकेट डॉ पी.एन.मिश्रा जी की पुस्तक ‘अमिट काल रेखा: आदि शंकराचार्य और उनका आविर्भाव काल(507-475 ई.पू.) कल छप कर आ गई है।
अभी तक 75 जिज्ञासु पाठकों का ऑर्डर आया था, जिन्हें कल से भेजना आरंभ कर दिया गया है। सभी को दो-चार दिन में मिल जाएगा।
आदि शंकराचार्य पर यह अब तक लिखी गई सबसे अधिक शोधपूर्ण पुस्तक है। यह पुस्तक केवल आदि शंकराचार्य की वास्तविक जन्मतिथि को ही प्रमाणित नहीं करती, वरन उन राजाओं की वंशावली भी सामने रखती है, जिनके अतुलनीय कार्य को छुपाने के लिए औपनिवेशिक व मार्क्सवादी इतिहासकारों ने पूरा का पूरा राजवंश ही इतिहास की पुस्तकों से गायब कर दिया। इससे उन्हें भारत के इतिहास को छोटा साबित करने में मदद मिल गई।
यह पुस्तक यह भी साबित करती है कि विष्णु अवतार बुद्ध और सिद्धार्थ गौतम बुद्ध दो अलग व्यक्तित्व थे।
मुझे कल दो महान व्यक्तित्व और वरिष्ठ पत्रकारों आदरणीय श्री राम बहादुर राय जी एवं आदरणीय क्षी Hemant Sharma जी को यह पुस्तक भेंट करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। हेमंत सर शंकराचार्य पर शोध कर रहे हैं। शीघ्र ही उनकी लेखनी से भी हमें आदि शंकराचार्य जी पर बहुत महत्वपूर्ण पढ़ने को मिल सकता है।
इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय जी इस पुस्तक को देखकर बेहद प्रसन्न हुए। सिद्धार्थ गौतम बुद्ध और शंकराचार्य एक समय हुए, यह शोध देखकर बच्चों के जैसी कौतुहलता उनके चेहरे पर थी। हमारे शास्त्र ठीक कहते हैं कि जब एक व्यक्ति ज्ञान के शिखर पर पहुंचता है तो वह बच्चे जैसा सरल हो जाता है, कल रायबहादुर राय जी की सरलता और जिज्ञासा को देखकर यही अनुभूति हुई!
जिस वक्त सिद्धार्थ गौतम बुद्ध महानिर्वाण को प्राप्त हुए, उसी वर्ष आदि शंकराचार्य का दिग्विजय अभियान आरंभ हुआ था। शोध और अकाट्य प्रमाणों से डॉ. परमेश्वर नाथ मिश्र जी ने इसे साबित किया है।
मैंने लक्ष्य साधा है कि आदि शंकराचार्य के ज्ञान और शिक्षा के लिए अपना बांकी का जीवन समर्पित कर दूंगा। और मैं केवल कह नहीं रहा हूं। Journey with Sandeep Deo YouTube channel पर आदि शंकराचार्य पर 63 वीडियो की एक पूरी श्रृंखला दी है, जिसमें आधुनिक संदर्भ और भाषा में आदि शंकराचार्य के पूरे कार्य को समझाने का प्रयास किया है। इसके अलावा आदि शंकराचार्य पर एक कोर्स भी डिजाइन किया है, जिसके माध्यम से घर-घर शंकराचार्य के कार्य को पहुंचाने का लक्ष्य है।कोर्स पंजीकरण लिंक https://kgfbharat.org/
इस एक साधना से बौद्धों, अब्राहमिकों, कम्युनिस्टों द्वारा फैलाए फेक नरेशन और इतिहास को हम सब ध्वस्त कर पाएंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। आदि शंकराचार्य ने वेदों को छोड़ चुके भारत को पुनः वैदिक बनाया। आज पुनः आदि शंकराचार्य के ज्ञान, दर्शन, शास्त्रार्थ और संगठन की आवश्यकता है, सनातन धर्म और भारत को बचाने के लिए। धन्यवाद।
जिन अन्य सनातनियों को यह पुस्तक चाहिए वो इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं: https://www.kapot.in/product/amit-kaal-rekha-adi-sankaracarya-aur-unka-avirbhav-kaal-507-475-es-pu/